
चालू वित्त वर्ष में प्राइवेट सेक्टर का अनुमानित पूंजीगत व्यय पिछले वित्त वर्ष के 6.56 लाख करोड़ रुपये से लगभग 25 प्रतिशत गिरकर 4.88 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। एक सरकारी सर्वे रिपोर्ट में ये संभावना जताई गई है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Programme Implementation) की तरफ से किए गए इस सर्वे में प्राइवेट कंपनियों के वित्त वर्ष 2025-26 में निवेश की संभावनाओं पर गौर किया गया। कुल 2172 उद्यमों ने संदर्भ अवधि के सभी 5 सालों के लिए पूरी जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि उद्यमों के इस पैनल से इकट्ठा किया गया पूंजीगत व्यय आंकड़ा 5 साल की अवधि में पूंजीगत व्यय के रुझान का विश्लेषण करने के लिए एक विश्वसनीय आधार के रूप में काम करता है।
4 साल की अवधि में कुल पूंजीगत व्यय में 66.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी
सर्वे के परिणाम 2021-22 से 2024-25 तक 4 साल की अवधि में कुल पूंजीगत व्यय में 66.3 प्रतिशत की कुल बढ़ोतरी दर्शाते हैं। जवाब देने वाली 3064 कंपनियों में से 2172 ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने पूंजीगत व्यय के इरादे बताए। ये उत्तरदाताओं द्वारा अपनी पूंजीगत व्यय योजनाओं की घोषणा करने में सतर्क दृष्टिकोण को दर्शाता है। लिहाजा, रिपोर्ट कहती है कि 2025-26 के लिए पूंजीगत व्यय आंकड़ों की व्याख्या सावधानी के साथ की जानी चाहिए। हालांकि, परिणाम 2172 कंपनियों के निश्चित पैनल के लिए 2021-22 से 2025-26 तक कुल पूंजीगत व्यय में 23.9 प्रतिशत की कुल बढ़ोतरी दिखाते हैं।
4183.3 करोड़ रुपये हो गया प्राइवेट कॉरपोरेट सेक्टर में प्रति उद्यम औसत GFA
प्राइवेट कॉरपोरेट सेक्टर में प्रति उद्यम औसत सकल अचल संपत्ति (GFA) 2021-22 में 3151.9 करोड़ रुपये थी। 2022-23 में ये 4 प्रतिशत बढ़कर 3279.4 करोड़ रुपये और 2023-24 में 27.5 प्रतिशत बढ़कर 4183.3 करोड़ रुपये हो गया। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रति उद्यम उच्चतम जीएफए 14,000 करोड़ रुपये से अधिक ‘बिजली, गैस, भाप और एयर कंडीशनिंग आपूर्ति’ की उद्योग श्रेणी में देखा गया। इसके बाद ‘विनिर्माण’ उद्यम (7,000 करोड़ रुपये से 10,000 करोड़ रुपये) का स्थान रहा।
49.6 प्रतिशत प्राइवेट कंपनियों ने मुख्य रूप से आय सृजन के लिए पूंजीगत व्यय किया
पिछले 3 सालों (2021-22 से 2023-24) में मुख्य रूप से विनिर्माण गतिविधियों में लगी कंपनियों की प्राइवेट कॉरपोरेट सेक्टर में कुल सकल अचल संपत्तियों में 65 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी रही। इसके बाद ‘बिजली, गैस, भाप और एयर कंडीशनिंग आपूर्ति’ (8 प्रतिशत-10 प्रतिशत) में लगे उद्यम रहे। सर्वे के अनुमान बताते हैं कि लगभग 49.6 प्रतिशत प्राइवेट कंपनियों ने 2024-25 में मुख्य रूप से आय सृजन के लिए पूंजीगत व्यय किया।
पीटीआई इनपुट्स के साथ