
<p style="text-align: justify;">अगर आपने हाल ही में गूगल प्ले स्टोर पर ऐप्स की गिनती की हो, तो आपने देखा होगा कि वहां पहले से कम ऐप्स दिख रहे हैं और इसका कारण है गूगल की एक बड़ी सफाई मुहिम.</p>
<p style="text-align: justify;">दरअसल साल 2024 की शुरुआत में प्ले स्टोर पर लगभग 34 लाख ऐप्स थे, लेकिन अब ये संख्या घटकर मात्र 18 लाख रह गई है. यानी आधे से भी ज़्यादा ऐप्स हटा दिए गए हैं. पहली नजर में ये सुनकर आपको लगेगा कि कुछ गलत हो गया है, लेकिन असल में ये यूजर्स के लिए अच्छी खबर है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>अब जानते हैं क्यों:</strong></p>
<p style="text-align: justify;"><strong>1. गूगल अब बेकार ऐप्स को नहीं बख्श रहा</strong><br />पहले प्ले स्टोर पर कोई भी ऐप डाल देता था. जैसे एक ही वॉलपेपर का ऐप, सिर्फ टेक्स्ट दिखाने वाला ऐप या फिर ऐसे ऐप जो कुछ करते ही नहीं थे. जिसके बाद जुलाई 2024 में गूगल ने कहा इन सब पर रोक लगा दी. जो इसके बाद से ही जो ऐप किसी काम का नहीं है, उसे हटा दिया जा रहा है. यानी अब आपको फालतू या नकली ऐप्स से बचाया जा रहा है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>2. यूजर की सुरक्षा अब सबसे ऊपर</strong><br />गूगल ने सिर्फ बेकार ऐप्स नहीं हटाए, बल्कि ऐसे ऐप्स भी रोके जो आपके डेटा को चुरा सकते थे या फोन को नुकसान पहुंचा सकते थे. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार 2.36 मिलियन (यानी 23 लाख से ज्यादा) खतरनाक ऐप्स को लॉन्च होने से पहले ही ब्लॉक कर दिया गया है. जबकि 1.58 लाख से ज्यादा धोखेबाज़ डेवलपर्स को बैन कर दिया गया है. गूगल ने इंसानों और AI दोनों से ऐप की जांच करवाना भी शुरू किया है. यानी अब आप जब कोई ऐप डाउनलोड करेंगे, तो उसके सुरक्षित होने की संभावना ज़्यादा है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong> 3. नए नियमों से कई डेवलपर खुद ही हट गए</strong><br />2024 में यूरोप में एक नया नियम आया, जिसमें हर ऐप बनाने वाले को अपनी असली पहचान (नाम और पता) बताना जरूरी हो गया. जो डेवलपर ये नहीं करना चाहते थे, उन्होंने खुद ही अपने ऐप हटा लिए. ऐप्पल पर ये नियम लागू हुआ, लेकिन वहां ऐप्स की संख्या पर असर नहीं पड़ा क्योंकि वहां पहले से ही सख्ती थी.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>नतीजा क्या निकला?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">गूगल ने साफ कर दिया है कि अब प्ले स्टोर पर सिर्फ वही ऐप्स रहेंगे जो वास्तव में काम के हों, सुरक्षित हों और पारदर्शी हों. तो हां, भले ही आधे ऐप्स हट गए हों लेकिन जो बचे हैं, वो भरोसे के लायक हैं. अब आपको फालतू ऐप्स के चक्कर में नहीं पड़ना पड़ेगा, और प्ले स्टोर की दुनिया और भी साफ-सुथरी हो गई है.</p>