
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘युग्म सम्मेलन’ में देश के युवाओं और शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ा विजन साझा किया. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि किसी भी देश का भविष्य उसकी युवा पीढ़ी पर टिका होता है और उसे दिशा देने का काम शिक्षा प्रणाली करती है. ऐसे में भारत की शिक्षा प्रणाली को 21वीं सदी की जरूरतों के हिसाब से नया रूप देना वक्त की मांग है और सरकार उसी दिशा में काम कर रही है.
पीएम मोदी ने कहा हमारा लक्ष्य है मेक एआई वर्क फॉर इंडिया यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भारत के हित में ढालना. उन्होंने कहा कि भारत की नई पीढ़ी को सिर्फ डिग्री नहीं, बल्कि उद्यमिता, अनुसंधान और नवाचार से जोड़ने की जरूरत है ताकि वे देश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जा सकें.
उन्होंने बताया कि जहां 2013-14 में अनुसंधान और विकास (R&D) पर देश का खर्च 60,000 करोड़ रुपये था, वहीं आज यह बढ़कर 1.25 लाख करोड़ रुपये हो गया है. यह भारत के तकनीकी और वैज्ञानिक विकास की दिशा में एक मजबूत कदम है.
25 सालों में पूरा करने की योजना
प्रधानमंत्री ने कहा हमने विकसित भारत के लक्ष्य को अगले 25 वर्षों में पूरा करने की योजना बनाई है. हमारे पास समय सीमित है और लक्ष्य बहुत बड़े हैं. इसलिए जरूरी है कि विचार (Idea) से लेकर उत्पाद (Product) तक की यात्रा तेज और प्रभावी हो.
उन्होंने भारतीय विश्वविद्यालयों की सराहना करते हुए कहा कि आज ये संस्थान नवाचार के केंद्र बनते जा रहे हैं. यहां से निकले आइडियाज देश के तकनीकी और सामाजिक भविष्य को आकार दे रहे हैं.
यह भी पढे़ं: सड़क किनारे बैठकर पंक्चर लगाते थे पिता, अब बेटे ने पास की UPSC परीक्षा- ऐसा रहा पूरा सफर
‘युग्म’ सम्मेलन
पीएम मोदी ने कहा सरकार, शिक्षा, विज्ञान और अनुसंधान सभी क्षेत्रों के लोगों का एक मंच पर आना ‘युग्म’ की असली ताकत है. जब ये सब मिलकर सोचेंगे और काम करेंगे तभी विकसित भारत का सपना साकार होगा.
यह भी पढे़ं: UPSC क्लियर करने के कितने दिन बाद कैंडिडेट्स को मिलती है सैलरी, कितनी होती है पहली तनख्वाह?
Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI