
भारत और यूएस के बीच व्यापार समझौता सही दिशा में है. अप्रैल में वॉशिंगटन डीसी में वार्ता हुई. भारत टेक्सटाइल और फार्मा पर जोर दे रहा है, जबकि यूएस कृषि उत्पादों पर आयात शुल्क कम चाहता है. अमेरिकी वित्त मंत्री ने…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- भारत और यूएस के बीच व्यापार समझौता सही दिशा में है.
- भारत टेक्सटाइल और फार्मा पर जोर दे रहा है.
- यूएस कृषि उत्पादों पर आयात शुल्क कम चाहता है.
नई दिल्ली. भारत और यूएस के बीच ट्रेड डील को लेकर हो रही बातचीत एकदम सही रास्ते पर है. संभव है कि बहुत जल्द ही दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता देखने को मिले जिसमें दोनों देशों के हित साधे गए हों. भारत के वाणिज्य मंत्रालय और अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय ने 23 से 25 अप्रैल को यूएस की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में वार्ता की थी. इसे लेकर भारत की ओर से बयान जारी किया गया है.
बयान में कहा गया है, “इस दौरान दोनों पक्षों ने कई मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें टैरिफ़ और व्यापार से जुड़ी अन्य बातें शामिल थीं.” दोनों पक्षों ने इस बात पर चर्चा की कि इस साल 2025 तक आपसी फायदे वाले व्यापार समझौते के पहले हिस्से को कैसे पूरा किया जाए, इसके अलावा दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच विभिन्न सेक्टर्स से संबंधित व्यापार वार्ता मई में होने पर भी सहमति बनी.
भारत से समझौता करना आसान
वहीं अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा, “हम भारत से समझौते के बेहद क़रीब हैं. ये थोड़ा मजेदार है लेकिन भारत के साथ डील करना बाक़ी देशों से डील करने की अपेक्षा आसान है.” “उन्होंने हम पर बहुत ज्यादा टैरिफ़ लगा रखे हैं. और ऐसे में इस तरह के डायरेक्ट टैरिफ का विरोध करके समझौता करना आसान है बजाय ऐसे दबे छिपे टैरिफ़ के जो हम पर सालों साल से लगाए जा रहे हैं, जिनका पता लगाना काफ़ी मुश्किल होता है. मुझे लगता है कि भारत से हमारी बातचीत सही दिशा में जा रही है.”
टेक्सटाइल और फार्मा पर भारत का फोकस
मिंट की एक खबर के अनुसार, भारत की ओर से मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में गई टीम ने विशेष रूप से टेक्सटाइल और फार्मास्युटिकल उत्पादों के लिए अमेरिकी बाजार में बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने पर जोर दिया. वहीं, अमेरिका चाहता है कि भारत कृषि उत्पादों पर आयात शुल्क कम करे और गुणवत्ता व सर्टिफिकेशन से जुड़े नियमों में कुछ ढील दे.
ट्रेड प्रोटेक्शनिज्म को टक्कर देने की तैयारी
इस समझौते की एक बड़ी अहमियत यह है कि यह न केवल दोनों लोकतांत्रिक देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करेगा, बल्कि दुनियाभर में बढ़ते ट्रेड प्रोटेक्शनिज्म (व्यापार सुरक्षा) के माहौल के बीच एक मजबूत साझेदारी का संकेत भी देगा. अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भी हाल ही में कहा कि भारत के साथ व्यापार समझौता जल्द ही अंतिम रूप ले सकता है.
व्यापार आंकड़े दर्शाते हैं बढ़ती साझेदारी
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 में भारत-अमेरिका के बीच वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार 10.13% की वृद्धि के साथ $131.84 अरब तक पहुंच गया है. इसमें भारत का निर्यात $86.51 अरब रहा, जबकि आयात $45.33 अरब पर पहुंचा. यह प्रस्तावित समझौता अगर तय समय पर पूरा हो गया, तो यह भारत और अमेरिका के बीच एक दशक में सबसे बड़ा व्यापारिक समझौता बन सकता है. साथ ही यह भारत के लिए विकसित देशों के साथ भविष्य की साझेदारियों की नींव रखने वाला कदम भी साबित होगा.