
जलप्रपात की विशेषताएँ
ऊँचाई: दशम जलप्रपात लगभग 44 मीटर (144 फीट) की ऊँचाई से गिरता है, जिससे यह झारखंड के प्रमुख जलप्रपातों में शामिल है।
नाम की उत्पत्ति: स्थानीय मुंडारी भाषा में “दाशोंग” का अर्थ होता है “पानी का गिरना”। समय के साथ यह शब्द “दशम” में परिवर्तित हो गया।
प्राकृतिक संरचना: यह जलप्रपात एक “निक पॉइंट” का उदाहरण है, जहाँ नदी की ढलान में अचानक परिवर्तन होता है, जिससे जलप्रपात का निर्माण होता है।
दृश्य सौंदर्य: जलप्रपात के चारों ओर घने जंगल और चट्टानी क्षेत्र हैं, जो इसे पिकनिक और फोटोग्राफी के लिए आदर्श स्थान बनाते हैं।
कैसे पहुँचें
सड़क मार्ग: रांची से दशम जलप्रपात तक पहुँचने के लिए NH-33 (अब NH-18) का उपयोग किया जा सकता है। अंतिम 10 किलोमीटर की यात्रा गाँव की सड़कों से होती है, जो संकरी लेकिन ड्राइविंग के लिए उपयुक्त हैं।
रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन रांची है, जहाँ से टैक्सी या बस के माध्यम से जलप्रपात तक पहुँचा जा सकता है।
यात्रा का सर्वोत्तम समय
मानसून (जुलाई से सितंबर): इस अवधि में जलप्रपात अपने पूर्ण प्रवाह में होता है, लेकिन भारी वर्षा के कारण फिसलन और सुरक्षा संबंधी चिंताएँ हो सकती हैं।
शीतकाल (अक्टूबर से फरवरी): इस समय मौसम सुखद होता है और भीड़ भी कम होती है, जिससे यात्रा अधिक आनंददायक होती है।
सुरक्षा सुझाव
जलप्रपात के नीचे तैराकी या स्नान से बचें, क्योंकि यहाँ की जलधारा तेज होती है और कई दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं।
फिसलन से बचने के लिए उपयुक्त जूते पहनें और बच्चों पर विशेष ध्यान दें।
अपने साथ पानी और हल्का नाश्ता रखें, क्योंकि आसपास सीमित सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
अतिरिक्त जानकारी
प्रवेश शुल्क: निःशुल्क।
पार्किंग: पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है, जहाँ ₹30 का शुल्क लिया जाता है।
सीढ़ियाँ: जलप्रपात के तल तक पहुँचने के लिए लगभग 300 सीढ़ियाँ उतरनी पड़ती हैं, जो अच्छी तरह से निर्मित हैं।
दशम जलप्रपात, झारखंड की प्राकृतिक सुंदरता का एक अद्भुत उदाहरण है। यह स्थान न केवल प्रकृति प्रेमियों के लिए, बल्कि फोटोग्राफरों और शांत वातावरण की तलाश करने वालों के लिए भी एक आदर्श गंतव्य है। यदि आप झारखंड की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो दशम जलप्रपात को अपनी सूची में अवश्य शामिल करें।
-प्रीटी