
एक राज्य में मौजूद सभी आरआरबी का इंटिग्रेट कर एक मजबूत बैंक बनाया जाएगा. वह अपने राज्य के ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सर्विस देने का काम करेगा. आरआरबी के मर्जर से ग्राहकों को कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं. उनके बैंक का नाम और IFSC Code बदल सकता है. मर्जर के बाद बने नए बैंक का पासबुक और चेकबुक जारी हो सकता है. पुरानी कस्टमर आईडी या अकाउंट नंबर में भी बदलाव हो सकता है. लेकिन, किसी भी बदलाव से ग्राहकों को घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनका बैलेंस, FD, RD या लोन सब सुरक्षित रहेंगे. बैंकों द्वारा ग्राहकों को इन बदलावों की सूचना दी जाएगी.
ये भी पढ़ें- भारत-पाक जंग से बेफिक्र FII, पिछले 8 सेशन से लगातार कर रहे हैं निवेश
किन-किन बैंकों का होगा विलय
उत्तर प्रदेश – बड़ौदा यूपी बैंक, आर्यावर्त बैंक और प्रथम यूपी ग्रामीण बैंक को मिलाकर उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा. इस बैंक का हेड ऑफिस लखनऊ में होगा.
बिहार – दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक और उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का विलय कर बिहार ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा. इस बैंक का स्पॉन्सर बैंक, पंजाब नेशनल बैंक होगा.
आंध्र प्रदेश- चैतन्य गोदावरी ग्रामीण बैंक, आंध्र प्रगति ग्रामीण बैंक, सप्तगिरि ग्रामीण बैंक और आंध्र प्रदेश ग्रामीण विकास बैंक को मिलाकर आंध्र प्रदेश ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा. इसका स्पॉन्स र बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया होगा.
पश्चिम बंगाल- बंगिया ग्रामीण विकास बैंक, पश्चिम बंग ग्रामीण बैंक और उत्तर बंग क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक का विलय कर पश्चिम बंगाल ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा.
गुजरात – बड़ौदा गुजरात ग्रामीण बैंक और सौराष्ट्र ग्रामीण बैंक को मिलाकर गुजरात ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा.
जम्मू-कश्मीर- जे एंड के ग्रामीण बैंक और एल्लाक्वई देहाती बैंक का विलय कर जम्मू-कश्मीर ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा. हेड ऑफिस जम्मू में रहेगा. इसी तरह कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान में भी दो-दो आरआरबी का विलय कर एक-एक नया आरआरबी बनाया जाएगा.
इससे पहले भी 3 बार हुआ है बदलाव
ऐसा नहीं है कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का पहली बार विलय हो रहा है. 2006-2010 में आरआरबी की संख्या 196 से घटाकर 82 की गई थी. 2013-2015 में 82 से 56 कर दी गई. तीसरे चरण में 56 से घटाकर 43 कर दी गई थी. अब चौथे चरण के बाद 28 आरआरबी रह जाएंगे. वर्तमान में देश में 43 आरआरबी 26 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 22,069 शाखाओं के जरिए सर्विस दे रहे हैं. 700 जिलों में फैले इन बैंकों की 92 फीसदी शाखाएं ग्रामीण और सेमी अर्बन क्षेत्रों में हैं.