
टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने कहा है कि अगले 5 सालों में रोबोट्स सर्जरी के क्षेत्र में सबसे बेहतरीन सर्जनों से भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे. मस्क का मानना है कि रोबोट्स की मदद से सर्जरी में होने वाली गलति…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- एलन मस्क का दावा, 5 साल में रोबोट्स बनेंगे बेहतरीन सर्जन.
- रोबोट्स की मदद से सर्जरी में गलतियों की संभावना कम होगी.
- न्यूरालिंक ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस तकनीक का क्लिनिकल ट्रायल जारी.
नई दिल्ली. ऐसा लगता है कि रोबोट्स बनाने वाली कंपनियों ने ये ठान रखी है कि वो हर सेक्टर में अपने रोबोट्स से काम कराकर ही मानेंगी. रोबोट्स ने अब मेडिकल क्षेत्र में भी एंट्री मार दी है. अरबपति एलन मस्क ने सोमवार को दावा किया है कि कहा रोबोट्स के पास अगले पांच सालों में सबसे अच्छे मानव सर्जनों को पीछे छोड़ने की क्षमता है.
टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ ने बताया कि उनकी ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस कंपनी न्यूरालिंक मस्तिष्क-कंप्यूटर इलेक्ट्रोड डालने के लिए रोबोट्स पर निर्भर करती है क्योंकि यह काम इंसानों से संभव नहीं है. मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में साझा किया कि रोबोट्स कुछ ही सालों में अच्छे मानव सर्जनों को और अगले पांच सालों में सबसे बेहतरीन मानव सर्जनों को पीछे छोड़ देंगे.
जो काम इंसानों के लिए असंभव, रोबोट कर दिखाएगा
मस्क ने कहा कि Neuralink को मस्तिष्क-कंप्यूटर इलेक्ट्रोड डालने के लिए एक रोबोट का उपयोग करना पड़ा, क्योंकि इंसान के लिए आवश्यक गति और सटीकता प्राप्त करना असंभव था. ये पोस्ट इन्फ्लुएंसर मारियो नवफल की एक अन्य पोस्ट के जवाब में आई, जिसमें उन्होंने यूएस-आधारित मेडिकल डिवाइस कंपनी मेडट्रॉनिक द्वारा चिकित्सा में रोबोटिक्स की हालिया सफलता को उजागर किया था.
नवफल ने कहा कि मेडट्रॉनिक ने अपने ह्यूगो रोबोटिक सिस्टम को 137 वास्तविक सर्जरी में सफलतापूर्वक तैनात किया और प्रोस्टेट, किडनी और ब्लैडर की समस्याओं को ठीक किया. सर्जरी के परिणाम डॉक्टरों की उम्मीद से बेहतर थे और 98 प्रतिशत से अधिक की सफलता दर देखी गई.
जोखिम कम
प्रोस्टेट सर्जरी (3.7 प्रतिशत), किडनी सर्जरी (1.9 प्रतिशत) और ब्लैडर सर्जरी (17.9 प्रतिशत) के लिए जटिलताओं की दर भी काफी कम थी. नवफल ने कहा कि 137 सर्जरी में से केवल दो को नियमित सर्जरी में बदलना पड़ा – एक रोबोट की खराबी के कारण और एक जटिल मरीज के मामले के कारण.
इस बीच, मस्क की न्यूरालिंक वर्तमान में अपनी ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस तकनीक का क्लिनिकल ट्रायल कर रही है. कंपनी का लक्ष्य है कि लकवा या न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए ब्रेन कंट्रोल डिवाइस बनाए जाएं. हालांकि अभी तक कोई भी डिवाइस व्यावसायिक रूप से उपलब्ध नहीं है, तीन लोगों को सफलतापूर्वक न्यूरालिंक ब्रेन इम्प्लांट मिल चुका है. मस्क ने 2024 में X पर कहा था कि अगर सब कुछ ठीक रहा, तो कुछ सालों में सैकड़ों लोग न्यूरालिंक का उपयोग करेंगे, शायद 5 साल में दसियों हजार और 10 साल में लाखों लोग.