
लाल मखमली बॉक्सेज में रखी पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाली जूलरी आज की जनरेशन को नहीं समझ आ रही है। इस ट्रेडिशनल जूलरी को जेन-जी वाले लोग तुरंत स्क्रॉल करके आगे बढ़ रहे हैं। उन्हें चाहिए हल्की, कम कैरेट वाली और वर्सेटाइल जूलरी। नई पीढ़ी 18 कैरेट, 14 कैरेट और यहां तक कि 9 कैरेट गोल्ड में भी जूलरी बनवा रही है। यहां तक कि गोल्ड प्लेटेड जूलरी भी उन्हें पसंद आ रही है। इसलिए अब उन्हें सोने की बढ़ती कीमतों की कोई टेंशन नहीं है।
क्या है नई जूलरी?
नई जनरेशन के लिए लेगसी मायने नहीं रखती। लुकबुक्स मायने रखती है। वे एक बार के बड़े खर्च को नहीं देख रहे हैं, बल्कि एवरीडे स्टाइल स्टेटमेंट को देख रहे हैं। वे ऐसी जूलरी पसंद कर रहे हैं, जिसे वे ओवरसाइज्ड शर्ट में जूम कॉल और दोस्तों के साथ पार्टी के लिए जाते समय पहन सकें। ऐसे में जूलरी को पॉकेट फ्रेंडली भी रहना होगा। यही कारण है कि लेयर्ड चेन, इनेमल पॉप्स और Y2K इंस्पायर्ड रिंग्स खूब बिक रही हैं। ट्रेडिशनल जूलरी की बात करें, तो यह आमतौर पर 22 कैरेट सोने की होती है, जिसे लॉन्गटर्म इन्वेस्टमेंट के रूप में खरीदा जाता है। फास्ट फैशन गोल्ड गूलरी में आमतौर पर कम कैरेट (14 या 18 कैरेट) का यूज होता है। इसे डेली यूज, स्टाइल, फ्लेक्सिबिलिटी और अफोर्डेबिलिटी के हिसाब से डिजाइन किया जाता है।
अफोर्डेबल जूलरी की डिमांड
ऐसे समय में जब 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 10,000 रुपये प्रति ग्राम और 22 कैरेट गोल्ड की कीमत 9,000 रुपये प्रति ग्राम को पार कर गई है, तो अफोर्डेबिलिटी प्रमुख आकर्षण बन गया है। लोग कम कीमत वाली जूलरी की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में इस बदलाव का नेतृत्व टाइटन, कल्याण ज्वैलर्स और सेनको गोल्ड जैसे लिस्टेड ब्रांड कर रहे हैं। पिछले साल, आदित्य बिड़ला ग्रुप ने इंद्रिया लॉन्च किया था, जो 18 कैरेट की डेली यूज में पहन सकने वाली रेंज पेश करता है, जिसका सीधा निशाना टाइटन के स्वामित्व वाले तनिष्क और रिलायंस ज्वेल्स पर है।
प्लेटेड जूलरी से भी खुश हैं जेन-जी
जेन-जी सिंथेटिक स्टोन्स या क्यूबिक जिरकोनिया से जड़ी 18 कैरेट या 22 कैरेट गोल्ड से प्लेटेड जूलरी से भी खुश है। इसमें बेस मेटल चांदी या कुछ और भी हो सकता है। कभी-कभी इसे पोल्की जैसा दिखने के लिए स्टाइल किया जाता है। यह फाइन ज्वैलरी नहीं है, लेकिन यह वैसी दिखती है। यह स्टाइलिश, ट्रेंड-ड्रिवन है और इसकी कीमत बहुत कम है।