
ऑनलाइन फूड डिलीवर करने वाले प्लेटफॉर्म जोमैटो (नया नाम इटरनल) को लेकर इस समय कुछ कंट्रोवर्सी चल रही है। एक अनाम रेडिट पोस्ट में जोमैटो पर बाजार हिस्सेदारी खोने और कर्मचारियों को अपना खाना ऑर्डर करने के लिए मजबूर करने जैसे आरोप लगाए गए थे। अब कंपनी के सीईओ दीपिंदर गोयल ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। गोयल ने इन दावों को ‘पूरी तरह से बकवास’ बताया है। रेडिट पोस्ट में जोमैटो के वर्क कल्चर को ‘हास्यास्पद रूप से असंगत’ बताते हुए कहा गया था कि कंपनी का मुनाफा सिर्फ प्लेटफॉर्म फीसद पर टिका है। पोस्ट में डिलीवरी पार्टनर्स के ‘संकट’ का भी जिक्र किया गया, जिन्हें ‘कम वेतन और अधिक काम’ मिल रहा है, जिसके कारण वे प्लेटफॉर्म छोड़ रहे हैं।
‘कंपनी नहीं खो रही बाजार हिस्सेदारी’
गोयल ने स्पष्ट किया कि कंपनी न तो बाजार हिस्सेदारी खो रही है और न ही कर्मचारियों को जोमैटो से ऑर्डर करने के लिए मजबूर कर रही है, क्योंकि वे पसंद की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं। उन्होंने इस स्पष्टीकरण को देने को शर्मनाक बताया, लेकिन ऐसा इसलिए किया क्योंकि कई लोगों ने चिंता व्यक्त की थी। रेडिट पोस्ट में यह भी दावा किया गया था कि हाल ही में एक आंतरिक बैठक में नेतृत्व ने जेप्टो कैफे और स्विगी के कारण बाजार हिस्सेदारी खोने की बात स्वीकार की थी, जिसके बाद अजीब नियम बनाए गए, जैसे कर्मचारियों को महीने में कम से कम सात बार जोमैटो से ऑर्डर करना होगा और कार्यालय में प्रतिस्पर्धियों से ऑर्डर करना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।
पोस्ट में यह भी कहा गया
पोस्ट में यह भी कहा गया कि जोमैटो के फूड डिलीवरी बिजनेस के सीईओ राकेश रंजन को एक टाउनहॉल के बाद पद से हटा दिया गया, जिसमें उन्होंने सभी से ‘ध्यान केंद्रित रखने’ और ‘वापस पटरी पर आने’ के लिए कहा था। पोस्ट के अनुसार, कंपनी अब केवल अत्यधिक प्लेटफॉर्म शुल्क के कारण ही मुनाफे में है और आंतरिक रूप से दीर्घकालिक स्थिरता की परवाह नहीं की जाती है।