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2019 के बाद तेज जम्मू-कश्मीर का विकास तेज, 8.5% की दर से सुधर रही अर्थव्यवस्था। (फाइल फोटो)
जम्मू-कश्मीर में 2019 के बाद हालात तेजी से सुधर रहे हैं। राज्य की मौजूदा GDP औसत 8.5% दर से बढ़ रही है। पिछले 5 सालों में 84 हजार करोड़ का निवेश प्रस्ताव आया है। वहीं 2024 में राज्य को पर्यटन से 18 हजार करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिला।
जम्मू-कश्मीर करीब 35 सालों से आतंकवाद झेल रहा है। इसकी वजह से अब तक 40 हजार से ज्यादा लोगों को जान गंवानी पड़ी है। साथ ही लाखों लोगों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा। इसकी वजह से राज्य की डेमोग्राफी बदल गई। राज्य में हुई हिंसा और अस्थिरता के माहौल का सबसे ज्यादा असर विकास पर पड़ा।
2019 में आर्टिकल 370 हटने के बाद राज्य के हालात सुधर रहे थे। लेकिन पहलगाम हमले की वजह राज्य का विकास लंबे समय बाद प्रभावित होता दिख रहा है। ज्यादातर पर्यटक वापस लौटने लगे हैं। वहीं करीब 90% लोगों ने अपनी ट्रैवल बुकिंग कैंसिल कर दी है।

अमृतसर के अटारी बॉर्डर पर बनी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (ICP) से पाकिस्तान लौटते लोग।
जम्मू-कश्मीर में 5 साल में सुधार की तस्वीर

2019 से पहले आतंकवाद की वजह से कृषि और टूरिज्म तबाह जम्मू-कश्मीर की इकोनॉमी टूरिज्म, फलों का व्यापार और हैंडीक्राफ्ट पर टिकी है। 1995 के बाद 10 साल में ड्राई फ्रूट निर्यात 67.14% तक गिर गया। 2007 के बाद हस्तशिल्प उत्पादन 80% तक कम हो गया। सिर्फ इतना ही नहीं साढ़े 3 दशक से जारी आतंकवाद और हिंसा ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी काफी गहरा असर डाला है। अवसाद, चिंता, सदमा, आत्महत्या और नशे की प्रवृत्ति में इजाफा हुआ।

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद करीब 90% लोगों ने अपनी ट्रैवल बुकिंग कैंसिल कर दी है। पर्यटक जल्द से जल्द घाटी से बाहर निकलना चाहते हैं, इसलिए फ्लाइट पकड़ने के लिए श्रीनगर पहुंच रहे हैं। वहां के लोगों में रोजगार जाने का डर है। यहां की अर्थव्यवस्था टूरिज्म पर काफी निर्भर है इसलिए उसे नुकसान पहुंच सकता है। पूरी खबर पढ़ें…