
Jaunpur UP Famous Food Shop: आज हम आपको जौनपुर की एक फेमस समोसे की दुकान के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां के समोसे आपने अगर एक बारे चख लिए तो स्वाद भूल नहीं पाएंगे.

तृप्ति का समोसा
- तृप्ति जलपान 1952 से जौनपुर में मशहूर समोसे की दुकान है
- घरेलू मसालों से बने समोसे का स्वाद अनोखा और यादगार है
- तीन पीढ़ियों से चल रही दुकान का स्वाद आज भी वही पुराना है
जौनपुर:- उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक नगरी, जहां के हर गली-मोहल्ले में स्वाद का एक अनोखा अंदाज छिपा है, लेकिन जब समोसे की बात आती है, तो एक नाम हर किसी की जुबान पर होता है, ‘तृप्ति जलपान’. यह बेहद मशहूर दुकान है, जो 1952 से जौनपुरवासियों को समोसे के ऐसे स्वाद से रूबरू करा रही है, जिनको खाते ही एक अलग ही स्वाद मिलता है. तो चलिए जानते हैं इस दुकान के बारे में
घर जैसा स्वाद
आपको बता दें, तृप्ति जलपान की सबसे खास बात यह है, कि यहां समोसे में किसी बाहरी या भारी-भरकम मसालों का इस्तेमाल नहीं किया जाता. इसके बजाय यहां के समोसे में वही मसाले डाले जाते हैं, जो हर जौनपुरिया रसोई में मिलते हैं , जैसे कि धनिया पाउडर, सौंफ, अजवाइन, हल्का गरम मसाला और स्वादानुसार हरी मिर्च. यह देसी और घरेलू तरीका ही इन समोसों को इतना खास बनाता है कि खाने वाला एक बार खा ले, तो बार-बार यहां खिंचा चला आता है.
तीन पीढ़ियों की मेहनत
आपको बता दें, 1952 में जब ‘तृप्ति जलपान’ नाम की दुकान की शुरुआत हुई, तब इसका मकसद सिर्फ स्वादिष्ट नाश्ता उपलब्ध कराना नहीं था, बल्कि ऐसा नाश्ता देना था जो स्वास्थ्यवर्धक और घर जैसा हो. आज यह दुकान तीसरी पीढ़ी द्वारा चलाई जा रही है, लेकिन उस पुराने स्वाद में आज भी कोई फर्क नहीं आया है. यहां के बुजुर्ग लोग आज भी बड़े गर्व से बताते हैं कि “हम जब छोटे थे, तब भी यही समोसे खाते थे और आज हमारे बच्चे भी उसी स्वाद के दीवाने हैं. आपको बता दें, जौनपुर में बहुत से लोग ऐसे हैं, जो सुबह-सुबह नाश्ते में समोसे और चाय खाते ही हैं. स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्र हों, दफ्तर जाने वाले कर्मचारी या बाजार में काम करने वाले दुकानदार सबके लिए यह एक पसंदीदा अड्डा है.
परंपरा और स्वाद का संगम
आज जब ज्यादातर दुकानों में रेडीमेड मसाले और डीप फ्रीज सामग्री का उपयोग होता है, तृप्ति जलपान अपने उसी पुराने अंदाज और घरेलू मसालों के भरोसे पर खड़ा है. यही वजह है कि जौनपुर आने वाला हर पर्यटक भी एक बार यहां के समोसे जरूर चखना चाहता है.
‘तृप्ति जलपान’ सिर्फ एक दुकान नहीं, बल्कि स्वाद, परंपरा और आत्मीयता का संगम है. 1952 से लेकर आज तक इसका स्वाद जौनपुर के दिल में बसा हुआ है और शायद आने वाले कई दशकों तक भी इसकी खुशबू गली-गली में महकती रहेगी.