
Pak defence minister on Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा उठाए गए कड़े कदमों के बाद आलोचनाओं का सामना कर रहे पाकिस्तान ने एक बार फिर 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में हुए हमले और 26 लोगों की हत्या में अपनी भूमिका से इनकार किया है.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि इस्लामाबाद किसी भी अंतरराष्ट्रीय जांच में सहयोग करने के लिए तैयार है.
भारत ने उठाए कई बड़े कदम
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं. इनमें पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी को देश से बाहर निकालना, सिंधु जल संधि को रोकना और अटारी बॉर्डर को तुरंत बंद करना शामिल है. भारत ने अटारी बॉर्डर से भारत में आने वाले सभी पाकिस्तानियों को 1 मई तक देश छोड़ने को कहा है.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने किया ये बड़ा दावा
आसिफ ने कहा कि भारत ने आतंकी हमले के बाद के हालात का इस्तेमाल सिंधु जल संधि को रोकने और अपने घरेलू राजनीतिक फायदे के लिए किया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारत ने बिना किसी सबूत और जांच के पाकिस्तान को सज़ा देने जैसे कदम उठाए. न्यूयॉर्क टाइम्स से बात करते हुए आसिफ ने कहा, “हम नहीं चाहते कि युद्ध हो क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो यह पूरे इलाके के लिए बहुत बड़ा खतरा बन सकता है.”
निष्क्रिय हो चुका है लश्कर-ए-तैयबा
न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए इंटरव्यू में आसिफ ने दावा किया कि लश्कर-ए-तैयबा अब निष्क्रिय हो चुका है और उसके पास पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र से किसी भी हमले की योजना बनाने या उन्हें अंजाम देने की कोई ताकत नहीं है.
हालांकि, स्काई न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में आसिफ ने माना कि पाकिस्तान ने पहले आतंकवादी संगठनों को समर्थन, ट्रेनिंग और फंडिंग दी है. उन्होंने कहा कि यह काम उन्होंने पश्चिमी देशों, जैसे अमेरिका और ब्रिटेन के लिए किया था और इसे एक गंदा काम बताया.
स्काई न्यूज के रिपोर्टर हकीम ने पूछा, “क्या आप मानते हैं कि पाकिस्तान का आतंकियों को समर्थन, ट्रेनिंग और फंडिंग देने का लंबा इतिहास रहा है?” इसके जवाब में आसिफ ने कहा, “आप जानते हैं कि हमने अमेरिका और ब्रिटेन जैसे पश्चिमी देशों के लिए यह गंदा काम लगभग 30 साल तक किया है.”