
चौमहल्ला पैलेस का निर्माण 1750 में निज़ाम सलाभट जंग ने शुरू किया था. 45 एकड़ में फैले हुए इस पैलेस में कई शानदार चीजें आपका ध्यान आकर्षित करेंगी.

Vintage Car museum Hyderabad
चौमोहला पैलेस का इतिहास
इतिहासकर यूनुस खान के अनुसार, इसका निर्माण 1750 में निज़ाम सलाभट जंग ने शुरू किया था. हालांकि, यह निज़ाम अफ़ज़र-उद-दौला बहादुर थे जिन्होंने 1857 और 1869 के बीच परियोजना के पूरा होने की देखरेख की थी. महल उत्तर में लाड बाज़ार से दक्षिण में असपन चौक रोड तक 45 एकड़ में फैला हुआ था.
ऐतिहासिक चीज़ों को समेटे हुए है म्यूजियम
यहां आपको हैदराबाद के इतिहास के बारे में बहुत कुछ जानने को मिलेगा. यहां आप निज़ामों के योगदान और उनकी शानदार जीवनशैली के बारे में भी जान पाएंगे. यहां विंटेज कारों का एक संग्रह है जहां निज़ाम के ज़माने की महंगी कार, एक शीशे के अंदर रखी गई है जिसे आप देख सकते है. उस समय में कार किस तरह की होती थी वैसे यहां एक कार भी रखी गई है जो 1906 की है और शीशे के अंदर बंद है. साथ ही साथ ही पेंटिंग, तस्वीरें, वस्त्र, किताबें, धार्मिक वस्तुएँ, नक्शे और हथियारों का प्रदर्शन भी आम लोगो के किया हुआ है. संग्रहालय को दो भागों में बांटा गया है उत्तरी और दक्षिणी.
कैसे पहुंचे इस महल तक
ये चारमीनार के पास ही है, इसलिए आप बस या ऑटो से आसानी से पहुंच सकते हैं. चारमीनार यहां से सिर्फ़ 5 मिनट की पैदल दूरी पर है. अगर आप सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन से आ रहे हैं, तो आपको 8 किलोमीटर का सफ़र तय करना होगा.