
फवाद भले ही पाकिस्तानी थे, लेकिन उन्होंने भारत में रहकर बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाई थी. उन्होंने बॉलीवुड की कई फिल्मों में काम किया. उनकी आखिरी बॉलीवुड फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ थी, जिसमें वे रणबीर कपूर, अनुष्का शर्मा और ऐश्वर्या राय बच्चन के साथ नजर आए थे. पुलवामा हमले के बाद उन्हें भी वापस पाकिस्तान भेज दिया गया था, जिसके बाद वे 6 साल बाद फिर से बॉलीवुड में वापसी करने वाले थे.
वे बॉलीवुड एक्ट्रेस वाणी कपूर के साथ फिल्म ‘अबीर गुलाल’ में नजर आने वाले थे, लेकिन पहलगाम आतंकी हमले के बाद उनकी फिल्म पर भी ग्रहण लग गया है. हमले से पहले यह फिल्म 9 मई को सिनेमाघरों में आने वाली थी, लेकिन अब इसकी रिलीज डेट टाल दी गई है. वहीं, पहलगाम में हुए इतने बड़े आतंकी हमले के बाद एक सूत्र के अनुसार भारत का सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने फैसला लिया है फिल्म ‘अबीर गुलाल’ भारत में रिलीज नहीं होगी.
आतंकी हमलों के कारण पाकिस्तानी कलाकारों को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है. वे अपने करियर को ग्लोबल बनाने की कोशिश करते रहते हैं, लेकिन इन आतंकियों की वजह से उनका फिल्मी करियर बर्बाद हो रहा है. मुझे अभी भी समझ नहीं आता कि मासूम लोगों की हत्या करके आतंकियों को क्या मिलता है?
आज पूरा देश पहलगाम में मारे गए नागरिकों को लेकर गुस्से में है. हर कोई आतंकियों को फांसी देने की मांग कर रहा है. ऐसे में कौन चाहेगा कि पाकिस्तानी कलाकारों को भारतीय फिल्मों में काम करने का मौका दिया जाए? लेकिन, बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस दीया मिर्जा ने फवाद खान की पैरवी की और उन्होंने कहा कि हमें कला और स्पोर्ट को इन चीजों से नहीं मिलाना चाहिए. आशावादी होते हुए एक्ट्रेस कहती हैं कि उन्हें उम्मीद है कि भविष्य में बॉलीवुड पाकिस्तान के साथ मिलकर और भी काम करेगा.
मतलब एक तरफ हमारे देश के मासूमों की आंतकी हमले में जान जाती रहे और हम पाकिस्तानी कलाकारों के साथ मिलकर काम करते रहे. दीया का ये बयान अभी के माहौल में तो सटीक नहीं बैठता. हर बार यही होता है कि जब भी हमारे देश में आंतकी हमला होता तो पाकिस्तानी कलाकार एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इसकी निंदा करने लगते हैं, लेकिन सवाल ये है कि वह कदम क्या उठाते हैं. ऐसी घटनाओं के बाद वह क्या कोई ऐसा कदम उठाते हैं, जिससे उनके मुल्क की सरकार को कोई फर्क पड़े.
हालांकि, पाकिस्तानी कलाकारों के बयान से ये तो साफ पता चलता है कि वो तो आहत होते हैं, लेकिन उनके देश को कोई फर्क नहीं पड़ता. पहलगाम, जहां इतनी सारी फिल्मों की शूटिंग हुई है… जहां लोग अपने परिवार के साथ घूमने जाते हैं… जरा सोचिए इस आतंकी हमले के बाद वहां की क्या हालत है? सोशल मीडिया पर एक के बाद एक वीडियो सामने आ रहे हैं, जिसमें वहां के लोग कहते नजर आ रहे हैं कि उनका घर पर्यटन से चलता था, इस हमले के बाद वे बेरोजगार हो गए हैं. ऐसे में लोगों का पाकिस्तानी कलाकारों पर गुस्सा होना कितना सही या गलत है, इस पर आपको सोचना होगा.
(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए News18Hindi उत्तरदायी नहीं है.)