
टेलीकॉम कंपनियां अपने रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए यह कदम उठा सकती हैं. पिछले कुछ समय से टेलीकॉम सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है और कंपनियों को अपने खर्चों को पूरा करने में मुश्किल हो रही है.

हाइलाइट्स
- टेलीकॉम कंपनियां रिचार्ज महंगा करने की तैयारी में हैं.
- 2025 तक टैरिफ में 10-20% बढ़ोतरी हो सकती है.
- बढ़ती प्रतिस्पर्धा और खर्चों के कारण कंपनियां यह कदम उठा रही हैं.
नई दिल्ली. अगर आप हमेशा सस्ते रिचार्ज प्लान की तलाश में रहते हैं, तो ये खबर आपका दिल तोड़ सकती है. भारतीय उपभोक्ताओं को जल्द ही टेलीकॉम सेवाओं का उपयोग जारी रखने के लिए अधिक भुगतान करना पड़ सकता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रमुख ऑपरेटर जैसे भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया (Vi) जल्द ही मोबाइल रिचार्ज महंगा कर सकते हैं.
साल 2025 के अंत तक एक टेलीकॉम कंपनियां, एक और टैरिफ वृद्धि लागू कर सकती हैं. दरअसल टेलीकॉम कंपनियां अपने रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए ये कदम उठा सकती हैं. पिछले कुछ समय से टेलीकॉम सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है और कंपनियों को अपने खर्चों को पूरा करने में मुश्किल हो रही है. ऐसे में अगर ये फैसला लागू होता है, तो यूजर्स को अपने मौजूदा प्लान्स के लिए ज्यादा पैसे देने पड़ सकते हैं. इससे पहले भी टेलीकॉम कंपनियों ने कीमतें बढ़ाई थीं, जिससे यूजर्स पर अतिरिक्त बोझ पड़ा था.
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2025 में टैरिफ बढ़ने की उम्मीद
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म बर्नस्टीन की एक रिपोर्ट के अनुसार, मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट में ये बताया गया है कि भारत में टेलीकॉम कंपनियां दिसंबर 2025 तक टैरिफ में 10-20% की बढ़ोतरी कर सकती हैं. ये पिछले छह सालों में चौथी बड़ी बढ़ोतरी होगी. सबसे हालिया बढ़ोतरी जुलाई 2024 में हुई थी, जब टैरिफ में 25% तक की वृद्धि हुई थी. टैरिफ बढ़ाने का कारण टेलीकॉम कंपनियों की बढ़ती पूंजीगत खर्च की मांग है, क्योंकि वे 4G अपग्रेड और 5G नेटवर्क को बढ़ाने में निवेश कर रही हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि हम उम्मीद करते हैं कि नवंबर-दिसंबर 2025 में टैरिफ बढ़ेगा, जो इंडस्ट्री में चल रहे टैरिफ सुधार प्रयासों के अनुरूप होगा.
Bernstein को उम्मीद है कि दिसंबर 2025 में 15% टैरिफ बढ़ोतरी होगी और साल 2026 से 2033 के बीच हर साल बढ़ोतरी होने की संभावना है. हालांकि, कीमतों में बढ़ोतरी नियमित हो सकती है, लेकिन साल 2019 से 2025 के बीच देखी गई बढ़ोतरी जितनी तेज नहीं होगी. इन बढ़ोतरी से टेलीकॉम कंपनियों को 10% टैरिफ CAGR हासिल करने में मदद मिल सकती है. इसके अलावा, Vi का पूंजी खर्च कंपनी को 2026 वित्तीय वर्ष के दूसरे हिस्से तक अपने यूजर बेस को स्थिर करने में मदद कर सकता है.