
प्रोफेसर ने बताया हमले के दौरान का खौफनाक मंजर
देबाशीष भट्टाचार्य ने कहा कि जब पहलगाम में आतंकवादियों ने पर्यटकों पर हमला किया था, तब वह अपने परिवार के साथ वहीं मौजूद थे और आतंकियों के डर के एक पेड़ के नीचे लेटे हुए थे. उन्होंने कहा, “मैं अपने परिवार के साथ पेड़ के नीचे लेटा हुआ था. तभी अचानक मैंने सुना कि मेरे आसपास मौजूद सभी लोग जोर-जोर से कलमा पढ़ रहे थे. यह सुनकर मैंने भी कलमा पढ़ना शुरू कर दिया. तभी एक आतंकी मेरी ओर बढ़ा और मेरे बगल में लेटे शख्स के सिर में गोली मार दी.”
अभी भी जिंदा हूं, यकीन नहीं हो रहा है- प्रोफेसर
उन्होंने आगे कहा, “इसके बाद वह आतंकी मेरी और बढ़ा ओर पूछा कि क्या कर रहे हो, तभी मैं और जोर से कलमा पढ़ने लगा. जिसके बाद वह आगे बढ़ गया. फिर मैं मौका पाते ही अपने पत्नी और बेटे के साथ वहां से छिपते हुए किसी तरह से होटल पहुंचने में कामयाब हो गया.” प्रोफसर देबाशीष भट्टाचार्य ने कहा कि मुझे अभी इस बात पर यकीन नहीं हो रहा है कि मैं अभी भी जिंदा हूं.