
पहलगाम में आतंकियों ने ठीक उस तरह का काम किया. पहले वो पर्यटकों के पास पहुंचे और धर्म पूछकर गोलियों से भून दिया. हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे. वे लोग अपने परिवारवालों के साथ छुट्टियां बिताने के लिए पहुंचे थे. मिनी स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले बैसरन को खून से लथपथ कर दिया. चश्मदीदों ने कहा कि आतंकी सिर्फ धर्म पूछ रहे थे और लोगों को गोली मार दे रहे थे.
आतंकी हमले के पीछे कौन?
पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा पोषित संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है. गौर करने वाली बात यह है कि 2 महीने पहले 5 फरवरी को लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद ने हमास के कमांडर्स को PoK के रावलकोट में बुलाया था. हमास के लोगों ने 5 फरवरी को कश्मीर सॉलिडैरिटी डे के दिन अल अक्सा फ्लड डे सेलिब्रेट किया था. हमास ने 7 अक्टूबर 2023 हमले को अल अक्सा फ्लड नाम था. हालांकि, हमले के महज कुछ दिन पहले ही एक बार फिर से POK में हमास के कमांडर को देखा गया था, जहां पर वे जैश ए मोहम्मद के बहावलपुर स्थित हेडक्वार्टर पहुंचे थे. इसके बाद 22 अप्रैल को पहलगाम पर आतंकियों ने निर्दोष लोगों पर हमला कर दिया.
सऊदी अरब का दौरा बीच में ही छोड़कर लौटे पीएम
हमले की गंभीरता देखते हुए पीएम मोदी ने सऊदी अरब का दौरा बीच में ही छोड़कर वापस लौट आए. उन्होंने आते के साथ ही विदेश मंत्री और सुरक्षा सलाहकार के साथ बैठक की और हालात का जायजा लिया. इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह कश्मीर पहुंचे और स्थिति को लेकर बैठक की. हमले में चार आतंकी शामिल बताए जा रहे हैं, जिनकी पहचान की जा चुकी है. सुरक्षाबलों ने संदिग्ध आतंकियों के स्कैच भी जारी कर दिए हैं. हमले में शामिल चार आतंकियों में दो पाकिस्तानी बताए जा रहे हैं और बाकी के दो कश्मीर के ही हैं, जिनका संबंध पाकिस्तानी आतंकी संगठन से है.