
उदय कोटक ने भारतीय हाउसवाइव्स को “स्मार्ट फंड मैनेजर्स” कहा, जो सोने में निवेश कर आर्थिक अस्थिरता से बचती हैं. दिल्ली में सोने की कीमत 99,800 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंची. ज़ोहो के श्रीधर वेम्बू ने भी कोटक के…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- उदय कोटक ने भारतीय हाउसवाइव्स को स्मार्ट फंड मैनेजर्स कहा.
- दिल्ली में सोने की कीमत 99,800 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंची.
- श्रीधर वेम्बू ने उदय कोटक के विचारों का समर्थन किया.
नई दिल्ली. कोटक महिंद्रा बैंक के फाउंडर उदय कोटक ने एक पोस्ट के जरिए भारतीय हाउसवाइव्स के गोल्ड (सोने) में निवेश को लेकर एक दिलचस्प दृष्टिकोण साझा किया. उनका कहना था कि भारतीय हाउसवाइव्स “दुनिया की सबसे स्मार्ट फंड मैनेजर्स” हैं, क्योंकि वे हमेशा सोने को एक सुरक्षित निवेश मानती हैं. उदय कोटक ने यह भी कहा कि सोने का प्रदर्शन यह साबित करता है कि भारतीय गृहणियां लंबे समय से सोने में निवेश कर सही निर्णय ले रही हैं, जो उन्हें आर्थिक अस्थिरता और मुद्रा के उतार-चढ़ाव से बचाता है.
सोने के प्रति भारतीयों का यह विश्वास लगातार मजबूत होता जा रहा है. भारत में सोने की कीमतें इस समय रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं. हाल ही में, दिल्ली में 24 कैरट सोने की कीमत 99,800 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई. इसमें GST और मेकिंग चार्जेस जोड़ने के बाद, सोने की कुल कीमत एक लाख रुपये के पार जा चुकी है. विशेष रूप से अक्षय तृतीया के दौरान, जो 30 अप्रैल को है, भारत में सोने की मांग में और बढ़ोतरी की उम्मीद है.
सोने की कीमतों में उछाल
सोने की बढ़ती कीमतों का एक प्रमुख कारण वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और राजनीतिक तनाव है. हाल ही में, अमेरिका में फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल की आलोचना के बाद, सोने की कीमतों में तेजी आई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टिप्पणियों ने बाजार की नकारात्मक भावना को बढ़ाया, और इससे निवेशक एक सुरक्षित निवेश की तलाश में थे. इस पर प्रतिक्रिया स्वरूप, सोने की कीमतों ने वैश्विक बाजारों में नई ऊंचाई को छुआ. भारत में भी, सोने को एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, जो वैश्विक संकटों और राजनीतिक अस्थिरताओं से बचाव का एक साधन है.
श्रीधर वेम्बू का बयान
ज़ोहो के सह-संस्थापक श्रीधर वेम्बू ने उदय कोटक के विचारों का समर्थन करते हुए कहा, “मैं पूरी तरह से उदय कोटक-जी से सहमत हूं. भारतीयों का सोने के प्रति प्रेम और कागजी संपत्तियों पर संदेह, हमारी दीर्घकालिक स्थिरता और सांस्कृतिक निरंतरता का आधार है.” उन्होंने यह भी कहा कि सोना असल में पैसे के बराबर है, और “सोना ही असली पैसा है. सबसे गरीब भारतीय भी यह जानता है और यही ज्ञान शक्ति है.”
क्या गोल्ड में तेजी स्थायी है?
गोल्ड रश के स्थायी होने के सवाल पर, विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में यह वृद्धि अस्थायी हो सकती है, लेकिन सोने के प्रति भारतीयों का विश्वास लंबी अवधि तक बना रहेगा. भारत में सोने का महत्व आर्थिक अस्थिरता से बचाव के रूप में है, और इसे एक स्थिर और सुरक्षित संपत्ति के रूप में देखा जाता है. हालांकि, सोने की कीमतें समय-समय पर घटती-बढ़ती रहती हैं, लेकिन यह निवेशक के लिए एक स्थिर विकल्प बना रहता है.