
Green chilli pickle making tips :इसका अचार न सिर्फ स्वाद में लाजवाब है बल्कि इसे बनाना भी बेहद आसान है. यकीन मानिए, अगर मेहमानों को परोस दिया तो अपनी उंगलियां चाटते रह जाएंगे.

मिर्च का चटपटा अचार
- इस विधि से मिर्च का अचार बनाना बेहद आसान है.
- पहाड़ी मिर्च का अचार स्वाद में लाजवाब होता है.
- सरसों के तेल से अचार महीनों तक खराब नहीं होता.
Mirchi Achar Recipe/बागेश्वर. उत्तराखंड की पहाड़ियों में सदियों से बनती आ रही पारंपरिक रेसिपियों में तीखी और स्वादिष्ट मिर्ची का अचार भी शामिल है. इस पहाड़ी अचार का स्वाद इतना खास होता है कि इसे चखने वाला हर शख्स इसकी तारीफ किए बिना नहीं रह सकता. ये अचार न सिर्फ स्वाद में लाजवाब है बल्कि इसे बनाना भी बेहद आसान है. बागेश्वर के रहने वाले कलम टम्टा लोकल 18 से कहते हैं कि पहाड़ी मिर्ची का अचार बनाने के लिए सबसे पहले ताजी हरी मिर्चों का चयन किया जाता है. मिर्चों को अच्छी तरह धोकर कपड़े से पोंछा जाता है और फिर कुछ घंटों तक धूप में सुखाया जाता है ताकि उनमें नमी न रहे. इसके बाद मिर्चों में मसाला भरने की प्रक्रिया शुरू होती है.
मसाला रखें दरदरा
मसाले के लिए भूनी हुई मेथी, राई, सौंफ और हल्दी को हल्का दरदरा पीस लिया जाता है. चाहें तो स्वादानुसार नमक भी मिला सकते हैं. ये मसाला मिर्च में भरने के बाद, उन्हें एक साफ और सूखे जार में रखा जाता है. अब आता है इस अचार को अंतिम स्वाद देने वाला सबसे अहम हिस्सा. सरसों के तेल को अच्छी तरह गर्म किया जाता है और फिर ठंडा होने के बाद अचार में डाला जाता है. इससे अचार का स्वाद तो बढ़ता ही है. ये महीनों तक खराब नहीं होता. कुछ लोग इसमें नींबू का रस या अमचूर पाउडर भी मिलाते हैं, जिससे इसका खट्टा स्वाद और भी निखर उठता है.
मन मांगे बार-बार
ये अचार दाल-चावल, खिचड़ी, पूड़ी या पराठों के साथ खाया जाता है. पहाड़ी घरों में ये अचार रोजमर्रा के खाने का जरूरी हिस्सा है. इसके तीखे और खट्टेपन का संतुलन ऐसा होता है कि एक बार चखने के बाद बार-बार खाने का मन करता है. शहरों में अब ये पारंपरिक पहाड़ी अचार काफी लोकप्रिय हो रहा है. कई घरों में लोग इसे बाजार से लाने के बजाय खुद बनाना पसंद कर रहे हैं. अगर आप भी कुछ नया और देसी स्वाद अपने खाने में शामिल करना चाहते हैं, तो ये पहाड़ी मिर्च का अचार जरूर आजमाएं. यकीन मानिए इसे खाकर मेहमान उंगलियां चाटते रह जाएंगे.