
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात पर जोर देते हुआ कहा कि भारत की ग्रोथ संभावना को दुनिया की जानी-मानी संस्थाएं जैसे- वर्ल्ड बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी माना है. इसके साथ ही, सीतारमण ने वैश्विक व्यापार के समर्थन में भारत की तरफ से महत्वपूर्ण मदद का भी उल्लेख किया.
अमेरिका और पेरू में अपनी यात्रा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की आईटी फर्म्स से लेकर फंड मैनेजमेंट फर्म के सीईओ के साथ उनकी मुलाकात होनी हैं. सैन फ्रांसिस्को में भारतीय अप्रवासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा- जब हम ये कहते हैं कि भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है तो ऐसा तेज रफ्तार की संभावनाओं की वजह से कहते हैं.
वैश्विक आर्थिक रफ्तार की नेतृत्व क्षमता
निर्मला ने कहा कि जब आईएमएफ या फिर वर्ल्ड बैंक ये मानता है कि विकास की संभावना वाला वो भारत हो सकता है, वो चीन हो सकता है या फिर कोई अन्य देश हो सकता है, लेकिन वो निगेटिव या पॉजिटिव जोन से पहचाना जाएगा. ऐसे में उन्होंने भारत में मौजूद संभावनाओं को पहचाना है. उनका संदेश स्पष्ट था कि भारत वैश्विक व्यापार के अगले अध्याय का नेतृत्व करने का माद्दा रखता है.
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने आगे कहा कि अगर हमारे अंदर संभावनाओं के साथ आगे बढ़ने की क्षमता है यानी ट्रेंड के विपरीत जो वैश्विक तौर पर देखने को मिल रहा है, जैसे- अनिश्चितताएं और निम्न विकास दर. अपनी बातचीत में निर्मला ने वैश्विक व्यापार के मौजूदा परिदृश्य पर चर्चा की. टैरिफ नीतियों के चलते उपजे वैश्विक संकट को लेकर उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास पर भी चर्चा की.
2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य
निर्मला सीतारमण ने जोर देते हुए कहा कि भारत सरकार 2047 तक विकसित भारत बनने को लेकर दृढ़ संकल्पित है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट रोडमैप बताया है, जिनके फोकस में ये चार हैं- महिलाएं, युवा, किसान और पिछड़े हुए लोग.