
वित्त मंत्रालय में सचिव पद पर पूर्वोत्तर से दो आदिवासी आईएएस अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। ये दोनों मणिपुर के अधिकारी हैं। एक का नाम है वुमलुनमंग वुअलनाम जो कुकी जोमी हमार समुदाय से हैं। दूसरे का नाम है के. मोसेस चालई जो माओ नागा समुदाय से हैं। नागालैंड पोस्ट की खबर के मुताबिक, यह पहली बार है जब केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर से अनुसूचित जनजाति (एसटी) के सदस्यों को वित्त मंत्रालय का सचिव नियुक्त किया है। बता दें, बीते सप्ताह वाणिज्य और विमानन सहित वित्त और दूसरे मंत्रालयों में प्रमुख पदों को भरने के लिए सोलह अन्य आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।
किनको क्या दी गई जिम्मेदारी
खबर के मुताबिक, 1992 बैच के मणिपुर कैडर के आईएएस अधिकारी वुमलुनमंग वुअलनाम को नया व्यय सचिव नियुक्त किया गया, जबकि 1990 बैच के मणिपुर कैडर के अधिकारी के. मोसेस चालई को वित्त मंत्रालय के तहत सार्वजनिक उद्यम विभाग का सचिव नियुक्त किया गया। जैसा कि आप जानते हैं कि जेनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों के लिए सिविल सेवा परीक्षा के लिए मैक्सिमम उम्र सीमा 32 साल है, जबकि एससी और एसटी के लिए ऊपरी आयु सीमा में पांच साल की छूट है। यानी वे 37 वर्ष की उम्र तक सिविल सर्विसेस की परीक्षा दे सकते हैं।
एक और अधिकारी मणिपुर से ही
इन दोनों अधिकारी के अलावा, वाणिज्य मंत्रालय में विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) के रूप में नियुक्त किए गए आईएएस अधिकारी राजेश अग्रवाल भी मणिपुर से हैं। इनका नाम लगभग दो साल पहले जातीय संघर्ष के बाद से सुर्खियों में है। खबर के मुताबिक, 1994 बैच के अधिकारी अग्रवाल, 30 सितंबर को सुनील बर्थवाल के रिटायर होने पर वाणिज्य सचिव का पद संभालेंगे।
आपको बता दें, मोसेस चालई से पहले, मणिपुर के तांगखुल नागा अमीसिंग लुइखम को एक साल से थोड़ा ज्यादा समय के लिए सचिव (भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय) नियुक्त किया गया था। यह जुलाई 2021 से पहले की बात है जब सार्वजनिक उद्यमों को भारी उद्योगों से अलग करके वित्त मंत्रालय के तहत एक अलग विभाग बनाने की पहल की गई थी।