
कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय BluSmart और Gensol Engineering की जांच पर विचार कर रहा है. SEBI ने Gensol और प्रमोटर अनमोल सिंह जग्गी को शेयर बाजार से बैन किया था. मंत्रालय को शक है कि फंड का निजी इस्तेमाल हुआ है. …और पढ़ें

हाइलाइट्स
- SEBI ने Gensol और प्रमोटर को शेयर बाजार से बैन किया.
- MCA Gensol और BluSmart की जांच पर विचार कर रहा है.
- Gensol पर प्रमोटर्स के निजी खर्चों के लिए कंपनी का पैसा इस्तेमाल करने का शक.
नई दिल्ली. इलेक्ट्रिक व्हीकल सर्विस देने वाली BluSmart और उससे जुड़ी कंपनी Gensol Engineering अब केंद्र सरकार के रडार पर आ गई हैं. Ministry of Corporate Affairs (MCA) इन दोनों कंपनियों की गतिविधियों की जांच पर विचार कर रहा है. मंत्रालय को शक है कि इन फर्म्स में कॉरपोरेट गवर्नेंस से जुड़ी गड़बड़ियां और फंड का निजी इस्तेमाल किया गया है. सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय इस समय पब्लिक डोमेन और अन्य माध्यमों से मिली जानकारियों का अध्ययन कर रहा है, जिसके बाद तय किया जाएगा कि जांच शुरू की जाए या नहीं.
इससे पहले 15 अप्रैल 2025 को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने Gensol और इसके प्रमोटर अनमोल सिंह जग्गी पर बड़ा एक्शन लिया था. SEBI ने दोनों को भारतीय शेयर बाजार से बैन कर दिया था. आरोप है कि कंपनी ने ₹978 करोड़ का कर्ज IREDA और PFC से लिया था, जिसमें से बड़ा हिस्सा BluSmart की ईवी कैब सर्विस के लिए इस्तेमाल किया गया. हालांकि, कंपनी ने डिफॉल्ट से इनकार किया था, लेकिन SEBI की जांच में सामने आया कि कंपनी लोन की समय पर रीपेमेंट नहीं कर पाई और इसके फाइनेंशियल मैनेजमेंट पर गंभीर सवाल खड़े हो गए.
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अब MCA यह देखना चाहता है कि क्या Gensol ने प्रमोटर्स के निजी खर्चों के लिए कंपनी का पैसा इस्तेमाल किया? इसमें लग्ज़री अपार्टमेंट खरीदने, रिश्तेदारों को पैसे ट्रांसफर करने या प्रमोटर्स की निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने जैसे आरोप शामिल हैं. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अगर शुरुआती मूल्यांकन में गवर्नेंस से जुड़ी गड़बड़ियां सामने आती हैं, तो जल्द ही फॉर्मल इन्वेस्टिगेशन शुरू किया जाएगा.
गौर करने वाली बात यह है कि अब तक मंत्रालय ने Gensol या BluSmart को कोई आधिकारिक नोटिस नहीं भेजा है और ना ही उनसे किसी दस्तावेज़ की मांग की गई है. फिलहाल ये कंपनियां पहले से ही SEBI की कार्रवाई की वजह से दबाव में हैं और अगर मंत्रालय की जांच शुरू होती है, तो ये संकट और गहराने की आशंका है. Gensol की छवि एक ग्रीन एनर्जी और टेक कंपनी की रही है, लेकिन फंड डाइवर्जन और गवर्नेंस के इन आरोपों ने उसकी साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं.