
Om Puri Seema Kapoor Relation: फिल्म निर्माता सीमा कपूर से शादी के साल भर बाद ओम पुरी उनसे अलग हो गए थे, हालांकि जिंदगी के आखिरी कुछ साल उन्होंने सीमा कपूर के साथ बिताए. उनकी जिंदगी भी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट की …और पढ़ें
हाइलाइट्स
- ओम पुरी की पत्नी सीमा कपूर ने आत्मकथा ‘यूं गुजरी है अब तलक’ लिखी.
- सीमा कपूर ने ओम पुरी को जीवन का आशीर्वाद बताया.
- सीमा कपूर ने निजी अनुभवों को ईमानदारी से साझा किया.
नई दिल्ली: दिग्गज एक्टर ओम पुरी की निजी जिंदगी काफी विवादों से घिरी रही. उन्होंने शादी से ठीक पहले नौकरानी से संबंध होने की बात कुबूली थी. दिवंगत स्टार की पत्नी और फिल्ममेकर सीमा कपूर ने अब अपनी निजी जिंदगी के बारे में बड़े खुलासे करके लोगों को चौंका दिया है. दरअसल, उन्होंने हाल में अपनी आत्मकथा ‘यूं गुजरी है अब तलक’ पब्लिश की है.
सीमा कपूर ने कहा है कि उनके दिवंगत पति-एक्टर ओम पुरी उनके जीवन में श्राप नहीं बल्कि आशीर्वाद थे. उन्होंने अपनी आत्मकथा में शुरुआती सालों, पारसी थिएटर के अनुभवों, सिनेमा में अपने करियर और फिल्मी दुनिया के लोगों के साथ संबंधों के बारे में लिखा है. सीमा कपूर एक जगह किताब में लिखती हैं, ‘कभी-कभी जिंदगी के झटकों से हमें अपनी असली ताकत और सहनशीलता के बारे में पता चलता है. अगर मैंने वे कठिनाइयां नहीं झेली होतीं, तो शायद मैं आज यहां नहीं होती.’
सालभर भी नहीं चली शादी
सीमा कपूर ने 1991 में ओम पुरी से शादी की थी, लेकिन उनकी शादी एक साल से भी कम समय तक चली. ओम पुरी ने बाद में तलाक के लिए अर्जी दी और पत्रकार नंदिता पुरी से शादी कर ली. हालांकि, वे 14 साल बाद फिर से सीमा कपूर के साथ जुड़े और 2017 में उनकी मृत्यु तक दोनों का करीबी संबंध बना रहा. डीएनएइंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सीमा कपूर ने एक इवेंट में बताया कि उन्होंने अपने सबसे निजी और संवेदनशील अनुभवों को ईमानदारी, धैर्य और गहराई के साथ बयां किया है. उन्होंने ‘यूं गुजरी है अब तलक’ को एक ऐसी महिला की जर्नी बताया है जिसने थिएटर और जीवन दोनों को करीब से जिया है.
‘दुख ने मजबूत बनाया’
सीमा कपूर बोलीं, ‘पुरी साहब मेरे जीवन के लिए श्राप नहीं बल्कि आशीर्वाद थे. अक्सर किसी झटके के बाद ही हमें अपनी असली ताकत का एहसास होता है. अगर मैंने वह दर्द नहीं सहा होता, तो शायद मैं आज यहां नहीं होती. मुझे विश्वास है कि हमारे जीवन में आने वाला हर दुख हमें भीतर से मजबूत बनाने का मौका देता है. मैं न केवल उस दुख को सहने के लिए, बल्कि उसे आत्मसात करने के लिए भी आभारी हूं. उस अनुभव ने मुझे घायल किया, लेकिन मैं उससे एक बेहतर, ज्यादा संवेदनशील इंसान बनकर उभरी.’ जब उनसे पूछा गया कि क्या कुछ कड़वे सच थे जिन्हें लिखने से वह डरती थीं, तो कपूर ने पीटीआई को बताया, ‘हां ऐसा कई बार हुआ. लेकिन मैंने उन कड़वे सच को पूरी ईमानदारी से लिखा है.’