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- Avdheshanand Giri Maharaj Life Lesson. Reading And Listening To Scriptures, Keeping The Company Of A Guru And Staying Connected With Good Thoughts Is Also A Form Of Penance
हरिद्वार9 मिनट पहले
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पुस्तकें सच्ची मित्र और सहायक होती हैं। पुस्तकों में जो दिव्य विचार हैं, वे विचार अन्य स्थानों पर नहीं हैं। इसलिए हमारे यहां पुस्तकों का और ग्रंथों का अध्ययन या स्वाध्याय करना बड़ा तप कहा गया है। शास्त्रों का श्रवण, सद गुरु की संगत और सद विचारों के साथ जुड़े रहना भी तप है। सत्य की ओर लौटना सच्चा तप है।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए विचारों में पवित्रता कैसे आती है?
आज का जीवन सूत्र जानने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें।
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