
Sugarcane Juice Machine: राजकोट के बशीरभाई ने 1957 में गन्ना चिचोड़ा मशीन का निर्माण शुरू किया था. यह मशीन 14 हजार से 35 हजार तक मिलती है और विदेशों में भी लोकप्रिय है.

हाइलाइट्स
- गन्ना चिचोड़ा मशीन की कीमत 14 हजार से शुरू होती है.
- राजकोट के बशीरभाई ने 1957 में चिचोड़ा मशीन बनाई थी.
- मशीन की मांग भारत और विदेशों में भी है.
राजकोट: गर्मी आते ही लोगों को गन्ने या आम का रस पीने का मन करता है. खासकर गन्ने का रस निकालने के लिए एक खास मशीन होती है. इस मशीन को कोल्हू या चिचोड़ा कहा जाता है. क्या आप जानते हैं कि इस चिचोड़े का राजकोट से खास संबंध है? इसके पीछे एक कारण है. राजकोट नए-नए मशीन और मोटर बनाने के लिए जाना जाता है. गन्ने का रस निकालने वाली मशीन का जन्म भी रंगीले राजकोट में ही हुआ था. सन् 1957 में राजकोट में पहली बार चिचोड़ा बनाया गया था. आज यह मशीन न केवल राजकोट में बल्कि देश-विदेश में भी देखी जा सकती है.
मांग के अनुसार चिचोड़ा बनाते हैं बशीरभाई
राजकोट में रहने वाले बशीरभाई के पिता ने 1957 में चिचोड़ा बनाने की शुरुआत की थी. बशीरभाई ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए बताया कि मेरे पिता अब्दुलभाई ने 1957 में पहला चिचोड़ा बनाया था. जिसमें एक तरफ से गन्ना डालते थे और दूसरी तरफ से उसका रस निकलता था. तब से हम चिचोड़ा बनाने के बिजनेस से जुड़े हुए हैं. शुरुआत में जो मशीनें बनाई गई थीं, वे धीमी गति से चलती थीं. धीरे-धीरे उनमें स्पीड बढ़ाने की मांग भी उठी. पहले 6 से 7 इंच के चिचोड़े बनते थे लेकिन अब 12 इंच के चिचोड़े बनाए जाते हैं.
बशीरभाई के यहां लोगों की जरूरत और इच्छा के अनुसार साइज के चिचोड़े बनाए जाते हैं. एक मशीन बनाने में 2 से ढाई घंटे का समय लगता है. एक मशीन बनाने में 9 लोग काम करते हैं, जिसमें टर्नर, फिटर, लापीवाले, कारीगर आदि शामिल होते हैं.
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मशीन 14 हजार से लेकर 35 हजार तक मिलती है
बशीरभाई द्वारा बनाए गए इन चिचोड़े की मांग भारत के अलग-अलग राज्यों के साथ-साथ विदेशों में भी है. बशीरभाई द्वारा बनाए गए मशीन की कीमत की बात करें तो यह मशीन 14 हजार से लेकर 35 हजार तक मिलती है. इसके साथ ही उनके पास 1 लाख से अधिक की कीमत वाली मशीन भी है, जिसमें अलग-अलग वैरायटी आती हैं.