

स्कॉटलैंड पार्लियामेंट।
लंदन: सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेश में भी हिंदुओं से नफरत करने वाले कट्टरवादियों की संख्या बढ़ रही है। लिहाजा ऐसे हिंदू विरोधी पूर्वाग्रहियों से निपटने के लिए स्कॉटलैंड की संसद ने बड़ा कदम उठाया है। संसद के एक सदस्य ने सदन में एक प्रस्ताव पेश कर ग्लासगो स्थित गांधीवादी संस्था की उस रिपोर्ट की सराहना की है, जिसमें स्कॉटलैंड में हिंदुओं के प्रति ‘‘पूर्वाग्रह और भेदभाव’’ को रेखांकित किया गया है। सांसद ने प्रस्ताव में हिंदू विरोधी और हिंदूफोबिया से ग्रस्त लोगों से निपटने के लिए सख्ती बरतने की मांग की है।
बता दें कि एडिनबर्ग ईस्टर्न से अल्बा पार्टी के सांसद ऐश रेगन ने पिछले सप्ताह ‘गांधीयन पीस सोसाइटी’ की रिपोर्ट के आधार पर प्रस्ताव पेश किया। इस तरह के प्रस्तावों का उद्देश्य महत्वपूर्ण मुद्दों की ओर ध्यान आकृष्ट करना होता है। शांति, अहिंसा और सद्भाव के गांधीवादी सिद्धांतों को बढ़ावा देने वाली सोसायटी द्वारा फरवरी में नस्ली और धार्मिक पूर्वाग्रह को चुनौती दिये जाने पर स्कॉटिश संसद की समिति के समक्ष ‘स्कॉटलैंड में हिंदूफोबिया’ रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इसमें कहा गया है, ‘‘यह स्कॉटलैंड के हिंदू समुदाय के सदस्यों द्वारा सामना किये जा रहे पूर्वाग्रह, भेदभाव और उन्हें हाशिए पर डाले जाने के बढ़ते स्तर को उजागर करता है।
हिंदुओं के साथ भेदभाव दूर करने की जरूरत
प्रस्ताव में कहा गया है कि हिंदुओं के साथ इस तरह के भेदभाव को दूर करने की जरूरत है। यह प्रस्ताव स्कॉटलैंड के विविध समुदायों में जागरूकता बढ़ाने और अंतर-धार्मिक संवाद, सामाजिक सामंजस्य और आपसी सम्मान को बढ़ावा देने में उनके शोध और सार्वजनिक भागीदारी के महत्व को स्वीकार करता है।’’ ‘स्कॉटलैंड में हिंदूफोबिया’ रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह स्कॉटलैंड में इस मुद्दे पर अपनी तरह का पहला गहन अध्ययन है। (भाषा)