
Bangladesh News: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाले बांग्लादेश को एक बहुत बड़ा झटका दिया है. प्रथम आलो की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश को IMF से कुल 4.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण मिला है, जिसमें से तीन किस्तें पहले ही जारी हो चुकी हैं. जबकि चौथी और पांचवीं किस्त नहीं मिल पाई. दरअसल, चौथी और पांचवीं किस्त के लिए IMF ने चार अहम क्षेत्रों में सुधार की शर्त रखी थी, लेकिन हालिया समीक्षा में पाया गया है कि बांग्लादेश इन शर्तों को पूरा करने में पिछड़ गया है.
प्रमुख चार मुद्दे- जिनमें नहीं हुआ सुधार
1. कमजोर रेवेन्यू ग्रोथ
2. नॉन-मार्केट बेस्ड करेंसी एक्सचेंज रेट्स
3. सब्सिडी में अपर्याप्त कटौती
4. बैंकिंग क्षेत्र में प्रगति की कमी
इन बिंदुओं को IMF के वरिष्ठ अधिकारी क्रिस पापागोर्गियोउ ने ढाका में आयोजित एक ब्रीफिंग के दौरान सामने रखा. यह समीक्षा मिशन 6 अप्रैल से दो सप्ताह तक चला और इस दौरान IMF टीम ने बांग्लादेश सरकार के विभिन्न विभागों से बातचीत की.
जीडीपी वृद्धि में गिरावट, फिर भी उम्मीद बाकी
क्रिस पापागोर्गियोउ ने कहा कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था वैश्विक अनिश्चितताओं से प्रभावित हो रही है. चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में GDP वृद्धि दर घटकर 3.3% हो गई है, जो पिछले वर्ष 5.1% थी. हालांकि इन्फ्लेशन 11.7% से घटकर 9.4% पर आ गई है, यह अभी भी टारगेट रेंज (5-6%) से ऊपर है. पापागोर्गियोउ ने बताया कि IMF अभी भी चर्चा जारी रखेगा और जून तक किस्तों की रिलीज पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है, बशर्ते प्रगति संतोषजनक हो.
IMF की बड़ी सिफारिशें
IMF ने बांग्लादेश के कम कर-से-GDP अनुपात को देखते हुए कहा कि देश को कर नीति और प्रशासन में स्पष्ट अंतर करना चाहिए. कर छूट घटाई जानी चाहिए और राजस्व बढ़ाने के लिए स्थायी उपाय अपनाने चाहिए. वहीं, बैंकिंग क्षेत्र को लेकर IMF ने कानूनी सुधार, परिसंपत्ति गुणवत्ता का सही मूल्यांकन, और मनी लॉन्ड्रिंग पर नियंत्रण जैसे बिंदुओं को अहम बताया है. उन्होंने बांग्लादेश बैंक की स्वतंत्रता बढ़ाने की भी सिफारिश की है.
क्या रुकेगा IMF का लोन?
विश्व बैंक के पूर्व प्रमुख अर्थशास्त्री जाहिद हुसैन का मानना है कि भले ही बांग्लादेश ने 100% सुधार नहीं किया हो, फिर भी IMF किस्त को रोकने की संभावना कम है. उन्होंने कहा कि मई में IMF की एक और टीम आएगी, तब चीजें और साफ हो जाएंगी.