
नई दिल्ली. बॉलीवुड में कुछ फिल्में ऐसी हैं, जिनके किस्से-कहानियों को आज भी लोग खूब याद करते है. ‘शोले’, ‘दीवार’, ‘ज़ंजीर’, ‘यादों की बारात’ ऐसी पुरानी कितनी फिल्में हैं, जिनकों आज की जनरेशन भी देखना पसंद करती है. आज थिएटर्स से लेकर ओटीटी के न जाने कितने फ्लेटफॉर्म हैं, जहां लोग नई से लेकर पुरानी फिल्मों तक को आसानी से देख लेते हैं. आज का हिंदी सिनेमा यह मानना पसंद करता है कि ‘कंटेंट ही किंग है’ लेकिन कई साल पहले, लोग ‘कंटेंट’ शब्द को आम बोलचाल में इस्तेमाल तक नहीं करते थे. ये उस दौर की बात है, जब हिंदी सिनेमा अपने राइटर्स के लिए जश्न मनाता था.
क्या आप जानते हैं कि इस सलीम-जावेद की जोड़ी ने एक ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर फिल्म की कहानी को अमिताभ बच्चन को ध्याम में रखकर लिखा था. लेकिन, उन्होंने फिल्म करने से साफ-साफ इनकार कर दिया. अमिताभ ने फिल्म को रिजेक्ट किया तो मायूस तो हुए, लेकिन फिर राजेश खन्ना के पास फिल्म का कहानी लेकर पहुंचे, तो उन्होंने भी फिल्म से हाथ जोड़ लिए. फिर, नए-नवेले एक्टर के हाथ लगी फिल्म और रातोंरात वह स्टार बन गए.
सलीम-जावेद ने लिखी थी मिस्टर इंडिया की कहानी
ये किस्सा सालों पुराना है. दरअसल, ‘नास्तिक’ के मुहूर्त के लिए सलीम-जावेद तो गए थे, लेकिन फिल्म के हीरो अमिताभ बच्चन मुहूर्त के लिए नहीं आए. मुहूर्त पर उनका एक वॉइस नोट शेयर किया गया. ये तब नई-नई बात हुआ करती थी. सलीम जावेद को इससे आइडिया, क्यों इस पर फिल्म बना दी जाए. बस क्या था आइडिया मिल चुका था और ये कॉन्सेप्ट पहले ही एक इंग्लिश फिल्म में बन चुकी थी और कुछ ऐसा ही कॉन्सेप्ट किशोर कुमार स्टारर ‘मिस्टर एक्स इन बॉम्बे’ में भी था. जिस फिल्म की हम बात कर रहे हैं वो है 1987 में रिलीज हुअ मिस्टर. इंडिया. अनिल कपूर और श्रीदेवी फिल्म में लीड रोल में थे. दशकों तक चलने वाली ये एक कल्ट क्लासिक फिल्म थी. फिल्म इतिहासकार दिलीप ठाकुर ने शेखर कपूर निर्देशित फिल्म के बारे में कुछ दिलचस्प किस्से शेयर किए थे. उन्होंने बताया कि ‘मिस्टर इंडिया’ की कहानी लेखक जोड़ी सलीम-जावेद की आखिरी रिलीज फिल्म थी.
‘शोले’ के बाद जिस फिल्म में हुआ टेक्नोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल
इस फिल्म की कहानी तो काफी पहले लिख लिया था, लेकिन फिल्म पर काम बहुत बाद में हुआ. सलीम-जावेद ने इस कॉन्सेप्ट को भव्यता, ग्लैमर और तकनीक दी. मिस्टर इंडिया जब बनी थी तो तकनीक के इस्तेमाल के मामले में यह एक असाधारण फिल्म थी. दिलीप ठाकुर कहते हैं कि मुझे लगता है कि ‘शोले’ के बाद अगर किसी फिल्म ने टेक्नोलॉजी का बेहतरीन इस्तेमाल किया तो वह मिस्टर इंडिया थी. उस समय कंप्यूटर हमारे लिए नया था.

मिस्टर इंडिया फिल्म का निर्देशन शेखर कपूर ने किया था. इसे बॉलीवुड की सबसे प्रतिष्ठित सुपरहीरो फिल्मों में से एक माना जाता है.
जब अमिताभ ने रिजेक्ट की फिल्म
उन्होंने कहा कि अफवाह है कि मिस्टर इंडिया अमिताभ बच्चन को ध्यान में रखकर लिखी गई थी. लेकिन बाद में बिग बी ने कहा कि अगर मुझे उसमें नजर नहीं आना तो मैं फिल्म क्यों करूं? इसके बाद मेकर्स ने लीड रोल के लिए राजेश खन्ना से भी संपर्क किया गया, लेकिन अमिताभ बच्चन की रिजेक्ट फिल्म को वह करना ही नहीं चाहते थे.
सलीम-जावेद के कैसे अलग-अलग हुए मत
दीप्तकीर्ति चौधरी की एक किताब हिंदी सिनेमा के महानतम पटकथा लेखकों की कहानी में भी इस किस्से का जिक्र है. उन्होंने बताया है कि अमिताभ की न ही इस स्टार राइटर्स की जोड़ी टूटने का कारण बनीं. दरअसल, जावेद को लगा कि उन्हें शायद अब बच्चन के साथ काम नहीं करना चाहिए क्योंकि उन्होंने फिल्म को करने से इनकार कर दिया था, जिसको उन्होंने अपने ‘अपमान’ के रूप में देखा, लेकिन सलीम इस राय से सहमत नहीं थे. कुछ दिनों बाद, जावेद ने अमिताभ की होली पार्टी में भाग लिया, जहां सलीम का मानना है कि जावेद ने बच्चन के साथ काम न करने के विचार के लिए सलीम को दोषी ठहराया. इस गलतफहमी ने उनके रिश्ते में खटास ला दी.
फिल्म का बजट और कलेक्शन
1987 में रिलीज हुई फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ भारत की पहली सबसे हिट सुपरहीरो फिल्म थी. फिल्म गायब करने वाले बैंड की अलग तरह की कहानी लेकर आई थी. भारत के अलावा फिल्म चाइना में भी सुरपहिट हुई थी. इसे बेस्ट फिल्म, बेस्ट एक्टर, बेस्ट एक्ट्रेस, बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड मिला था. फिल्म ने एक नया ट्रेंड शुरू किया था और फिल्म को कल्ट क्लासिक का दर्जा दिया गया. सिर्फ 3.8 करोड़ के बजट में तैयार हुई इस फिल्म ने 37 साल पहले 10 करोड़ का जबरदस्त कमाई की थी.
मिस्टर इंडिया की स्टारकास्ट
नए-नए एक्टर बने अनिल कपूर को हीरो बने. ‘कैलेंडर’ की भूमिका वाले सतीश कौशिक निर्देशन विभाग में सहायक भी थे. बच्चों में कोरियोग्राफर अहमद खान, एक्टर आफताब शिवदासानी को शामिल किया गया था.