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Ranchi Crime News: बीजेपी नेता अनिल टाइगर की हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए मामले में पुलिस ने अब तक कुल 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं, मामले में मुख्य साजिशकर्ता और उसका सहयोगी पुलिस के गिरफ्त से अब भी दूर…और पढ़ें

रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने अनिल टाइगर हत्याकांड के उद्भेदन की जनकारी साझा की.
हाइलाइट्स
- रांची में 26 मार्च को अनिल टाइगर की हत्या के मामले का उद्भेदन हुआ.
- रांची पुलिस ने मुख्य आरोपी अमन सिंह को कोलकाता से गिरफ्तार किया.
- जमीन विवाद के कारण हुई थी, केस के दो मुख्य आरोपी अभी भी फरार हैं.
रांची. कांके थाना क्षेत्र में 26 मार्च को अनिल टाइगर की गोली मारकार कांके चौक के समीप ही दिनदहाडे हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया था. घटना के बाद पुलिस ने एक आरोपी को भले मुठभेड़ के बाद तुरंत ही गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन, शूट आउट करने वाला मुख्य आरोपी और उसके सहयोगी पुलिस के गिरफ्त से दूर थे. वहीं, हत्या किन वजहों से अंजाम दिया गया इसकी पहेली भी अनसुलझी थी. इसे लेकर रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने पुलिस की एक विशेष टीम बनाई और इस मामले में शामिल अन्य 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. अनिल टाइगर को गोली मारनेवाला अमन सिंह हत्या की वारदात के बाद कोलकाता भाग गया था, लेकिन पुलिस ने उसे खोज ही लिया और मामले का खुलासा भी कर दिया.
आखिर क्यों हुई थीं अनिल टाइगर की हत्या- मामले की जानकारी देते हुए रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि हत्या की इस वारदात को 10 एकड़ जमीन के विवाद के कारण अंजाम दिया गया था. इसे लेकर वारदात के बाद 2 लाख रुपए और लोहरदगा में हुई एक हत्या कांड में शामिल अमन सिंह के खिलाफ जवानी देनेवाले शख्स को मैनेज करने का प्रलोभन दिया गए था.
पुलिस की जांच में क्या कुछ बाते आई सामने
बीजेपी नेता अनिल टाइगर की हत्या जमीन विवाद के कारण ही हुई थी.दरअसल कांके थाना क्षेत्र में 10 एकड़ के प्लॉट को लेकर विवाद हुआ था, बिल्डर देवव्रत नाथ शहदेव के साथ अनिल टाइगर का विवाद हुआ था. वहीं, जमीन के विवाद को खत्म करने को लेकर देवव्रत नाथ शहदेव और अनिल टाइगर की एक बैठक भी हुई थी. ये बैठक विनोद पासवान के घर पर हुई थी. बैठक में अनिल टाइगर की तरफ से जमीन के एवज में साढ़े 4 करोड़ रुपए की डिमांड की गई थी. जिसे लेकर ही बिल्डर ने अनिल महतो को रास्ते के हटाने की धमकी भी दी थी. बाकायदा पिस्टल दिखाकर ये धमकी दी गई थी, लेकिन इसकी सूचना अनिल टाइगर ने पुलिस को भी नहीं दी थी.
दो मुख्य आरोपी पुलिस गिरफ्त से अब भी बाहर
जानकारी के अनुसार, देवव्रत नाथ शहदेव ने जमीन को पाने के लिए एक साजिश भी रची थी और जमीन तक पहुंच पथ के निर्माण को लेकर एक सांसद को भी राजी किया था. सांसद फंड के जरिए सड़क का निर्माण होना था, लेकिन शिलान्यास से इन पहले अनिल टाइगर इस इलाके सांसद से आपत्ति जाहिर की जिसके बाद सांसद ने शिलान्यास से पहले ही इससे मुकर गए. इस कारण भी देवव्रत नाथ शहदेव ने अनिल टाइगर को हटाने की योजना बनाई और इसे लेकर ही सूरज सिन्हा नामक अपराधी के जरिए अनिल टाइगर को रास्ते से हटाने की योजना बनाई थी. इस पूरी योजना की साजिश कोलकाता से ही रची गई थी. फिलहाल इस पूरे मामले के मुख्य आरोपी देवव्रत नाथ शहदेव और सूरज सिन्हा पुलिस गिरफ्त से दूर हैं.
हत्या को अंजाम देकर कोलकाता भाग गया सूरज
मामले में शूटर अमन सिंह पुलिस को जानकारी दी है कि अनिल टाइगर की हत्या से एक सप्ताह पहले से ही वो अनिल की रेकी कर रहा था. अनिल टाइगर के फोर व्हीलर और टू व्हीलर का गाड़ी नंबर और फोटो भी सूरज सिंह के द्वारा शूटरों को दिया गया था. वहीं, हत्या वाले दिन सुबह से ही अनिल टाइगर का घर से निकलते वक्त से ही दोनों शूटर पीछा कर रहे थे. हत्या की वारदात के बाद अमन सिंह कोलकाता भाग गया था. रांची स्टेशन से मुरी और फिर कोलकाता खड़गपुर भाग गया था. बहरहाल, मामले में पुलिस अब अन्य आरोपियों की तलाश मंहगाई तो वहीं लोहरदगा एंगल और अन्य आरोपियों की भी तलाश पुलिस के द्वारा की जा रही है.