
‘वक्फ बिल से एक मुसलमान का नुकसान नहीं होने वाला’
राज्यसभा में वक्फ बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि इस ऐतिहासिक बिल से किसी एक मुसलमान का नुकसान नहीं होने वाला, करोड़ों गरीब मुसलमानों का फायदा होने वाला है। बिल पास होने के बाद देखिएगा कैसे लोग इसका स्वागत करते हैं। रिजिजू ने इस दौरान विपक्ष पर अटैक करते हुए कि हम नहीं, मुसलमानों को आप डरा रहे हैं। उन्हें मुख्यधारा से बाहर करने की कोशिश कर रहे। सीएए का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष ने इसके पारित होने के बाद कहा था कि मुसलमानों की नागरिकता छिनी जाएगी। क्या किसी की नागरिकता छिनी? रिजिजू ने विपक्ष से सीधा सवाल कर दिया।
रिजिजू बोले- हम सुनने वाले लोग हैं
वक्फ संशोधन बिल पास होने से पहले चर्चा का जवाब देते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि मैं यही चाहता हूं कि कोई ये न कहे कि सरकार किसी की बात सुनती नहीं है। हम सुनने वाले लोग हैं। हमने जो ड्राफ्ट किया वही पारित करते तो बिल का स्वरूप अलग होता। हमने चर्चा करके संशोधन के बाद इसे काफी बदलाव के साथ पास कर रहे। कई विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि जेपीसी में हमें सुना नहीं गया। ऐसा नहीं है, हमने आपके उठाए गए कई मुद्दों को माना है।
जिसका बहुमत उसकी सरकार- रिजिजू
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोकतंत्र का नियम है कि जिसका बहुमत है तो उसी की सरकार होती है। जेपीसी में ठीक है कि आप जितना चाहते होंगे, उतना समय नहीं मिला होगा। जेपीसी के सदस्यों को बताना चाहता हूं कि कई क्लॉज जिसे आपने उठाया हमने उसे माना है। कलेक्टर का मुद्दा हो या ट्राइबल का तीन मेंबर होना चाहिए, हमने वो माना है।
‘इन प्वाइंट्स को आपने उठाया और हमने माना’
रिजिजू ने कहा कि आप लोगों के कहने पर ही वक्फ प्रॉपर्टी बाई यूजर में हमने लिया है। जो एग्जिस्टिंग प्रॉपर्टी में छेड़छाड़ नहीं करेंगे, ये भी आपके सुझाव पर हुआ है। कलेक्टर से ऊपर के अधिकारी को आपके कहने पर ही बनाया। आपने कहा ट्रिब्यूनल में तीन मेंबर होने चाहिए, हमने वो भी माना है।
‘मुसलमानों में गरीबी है तो ये कांग्रेस का फेल्योर’
रिजिजू ने कांग्रेस पर अटैक करते हुए कहा कि आजादी के बाद 60 साल आपने शासन किया। फिर भी मुसलमानों में गरीबी है तो ये फेल्योर आपका है। आप जो काम नहीं कर पाए, वह पीएम मोदी को करना पड़ रहा है। दिनभर इतने वरिष्ठ लोग अपना ही पर्दाफाश कर रहे थे। सोच रहा था कि बाहर बोलूंगा। वक्फ प्रॉपर्टी में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है। कोई कर भी नहीं सकता। गैर मुस्लिम किसी धार्मिक बॉडी में सदस्य नहीं बनेगा। वक्फ बोर्ड एक स्टैचुएटरी बॉडी होती है।
वक्फ बिल पर राज्यसभा में भी लंबी बहस
राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा ने इस बिल को राष्ट्रहित में बताया है। यह भी कहा कि बिल वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का सही मैनेजमेंट करने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है, ताकि गरीब मुस्लिमों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। जेपी नड्डा ने कहा, ‘विपक्ष मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रहा है। यह सरकार लोकतांत्रिक परंपराओं को अपनाकर आगे बढ़ रही है।’
किरेन रिजिजू ने पेश किया बिल
राज्यसभा में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार दोपहर एक बजे राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया। रिजिजू ने कहा कि 2006 में आई सच्चर कमिटी की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय देश में 4.9 लाख वक्फ संपत्तियां थी, जिनसे होने वाली आय केवल 163 करोड़ रुपये सालाना थी। आज के दिन 8.72 लाख वक्फ संपत्तियां हैं। अगर इनको ठीक से मैनेज किया जाए तो हजारों करोड़ रुपये की इनकम हो सकती है, जिसका फायदा गरीब मुसलमानों को मिल सकता है।
विपक्ष ने बिल को बताया संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ
वहीं विपक्ष ने इस बिल को संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ बताया। बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस ने इस बिल का पुरजोर विरोध किया। कांग्रेस सांसद और वक्फ पर जेपीसी के सदस्य नसीर हुसैन ने सरकार पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति को बढ़ावा देकर वोट बैंक की पॉलिटिक्स का आरोप लगाया। उन्होंने जेपीसी में विपक्ष की ना सुनी जाने और एनडीए पक्ष की ओर से दी गई सिफारिशों को देश की जनता पर थोपने का आरोप लगाया।
‘यह मुसलमानों के मामलों में हस्तक्षेप’
आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने कहा कि सरकार संवैधानिक अधिकारों पर हमला कर रही है। डीएमके सांसद तिरूचि शिवा ने कहा कि एक समुदाय को ही निशाने पर लिया जा रहा है। YSR कांग्रेस पार्टी के वाई वेंकट सुब्बा रेड्डी ने विधेयक का विरोध करते हुए दावा किया कि यह मुसलमानों के मामलों में हस्तक्षेप है।
वक्फ बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी DMK
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने ऐलान किया कि डीएमके वक्फ (संशोधन) बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। स्टालिन ने कहा, ‘तमिलनाडु लड़ेगा और इस लड़ाई में उसे सफलता मिलेगी।’ उन्होंने याद दिलाया कि 27 मार्च को तमिलनाडु विधानसभा ने वक्फ संशोधन विधेयक को वापस लेने का आग्रह करते हुए प्रस्ताव पारित किया था। इसमें कहा गया था कि यह धार्मिक सद्भाव को कमजोर करता है और अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय पर उल्टा प्रभाव डालता है।