
तस्वीर 20 मार्च 2021 की।प्रयागराज में कुछ मकान गिराए थे। तब एक बच्ची अपनी किताब लेकर भागती दिखी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसका जिक्र किया।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी को घर गिराने पर फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “डेवलपमेंट अधिकारियों को यह ध्यान में रखना चाहिए कि आश्रय स्थल का अधिकार भी संविधान का अभिन्न हिस्सा है। उनमें जरा भी संवेदनशीलता नहीं है।”
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सुप्रीम कोर्ट ने डेवलपमेंट अथॉरिटी को आदेश दिया कि जिनके मकान गिराए गए हैं, उन्हें 6 हफ्तों के भीतर 10-10 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- राइट टू शेल्टर नाम भी कोई चीज होती है। उचित प्रक्रिया नाम की भी कोई चीज होती है। इस तरह की कार्रवाई किसी तरह से भी ठीक नहीं है।
प्रयागराज प्रशासन ने 2021 में गैंगस्टर अतीक की प्रापर्टी समझकर एक वकील, प्रोफेसर और 3 अन्य के मकान गिरा दिए थे।
जस्टिस उज्जल भुईयां ने घटना का जिक्र किया सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस उज्जल भुईयां ने फैसले के दौरान उस घटना का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “यूपी के अंबेडकर नगर 24 मार्च की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान एक तरफ झोपड़ियों पर बुलडोजर चलाया जा रहा था तो दूसरी तरफ एक 8 साल की बच्ची अपनी किताब लेकर भाग रही थी। इस तस्वीर ने सबको शॉक्ड कर दिया था।”
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