
Vivek Razdan Ajay Jadeja: भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन जब अजय जडेजा कमेंट्री कर रहे थे तब विवेक राजदान ने उनसे जुड़ा पुराना किस्सा शेयर किया.

हाइलाइट्स
- विवेक राजदान ने सुनाई जामनगर में अजय जडेजा के ठाठ की कहानी
- बड़े-बुजुर्ग दुकान से निकलकर जडेजा के पैर छुने लगे: विवेक राजदान
- जामनगर के शाही सिंहासन का उत्तराधिकारी घोषित हो चुके हैं जडेजा
India vs England, 2nd Test: जामनगर, गुजरात का एक ऐतिहासिक शहर, जिसे भारतीय क्रिकेट की धरोहर कहा जाए तो गलत नहीं होगा. यहां के महाराजा रणजीतसिंहजी इंग्लैंड के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले पहले भारतीय थे. उन्हीं के नाम पर रणजी ट्रॉफी की शुरुआत हुई, जो भारत की घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिता की रीढ़ है. दिलीपसिंहजी जी ने ये परम्परा आगे बढ़ाई बाद में इसी वंश के अजय जडेजा भारतीय टीम के कप्तान बने.
मैच फिक्सिंग केस में फंसने और क्रिकेट से ब्रेक के बाद अब अजय जडेजा कमेंट्री करते हैं. भारत और इंग्लैंड के बीच जारी दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन जब वह कमेंट्री बॉक्स में मौजूद थे तब उनके टीममेट रहे पूर्व भारतीय खिलाड़ी और मशहूर कमेंटेटर विवेक राजदान ने एक दिलचस्प कहानी सुनाई. विवेक राजदान ने बताया कि कैसे जामनगर में लोग अजय जडेजा और उनके परिवार का सम्मान करते हैं. बकौल विवेक राजदान:
जामनगर की कुछ कहानियां मेरे पास भी है. हम विल्स ट्रॉफी खेलने जामनगर गए थे. अजय जडेजा मेरे रूम पार्टनर थे. तमिलनाडु से हमारा सेमीफाइनल मैच था. मुझे घर से खबर आई कि जामनगर की साड़ियां बड़ी मशहूर हैं तो मैंने शॉपिंग पर चलने के लिए अजय जडेजा से गुजारिश की. जडेजा ने मना किया कि मुझे मत लेकर जाओ वरना मार्केट में खलबली मच जाएगी, लेकिन मैं नहीं माना. मैं स्कूल टीम में जडेजा का कप्तान था. हक से धौंस दिखाते हुए मैं उन्हें जबरदस्ती अपने साथ ले गया. अजय शर्माते झिझकते मेरे साथ चले तो गए लेकिन मैं आपको सही बता रहा हूं कि एक-एक दुकान से बड़े बुजुर्ग लोग उठकर इनके पैर छुने आ रहे थे. एक दुकान से हमने सामान लिया तो उसने पैसे ही नहीं लिए. मैं काफी शर्मिंदा हुआ. तब समझ में आया कि जडेजा ने आने से क्यों मना किया था.
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