नई दिल्ली. पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट ने भारत के खेल क्षेत्र को बदलने के उद्देश्य से राष्ट्रीय खेल नीति (NSP) 2025 को मंजूरी दे दी है. NSP 2025 का लक्ष्य भारत को एक वैश्विक खेल महाशक्ति के रूप में स्थापित करना है, जिसमें 2036 ओलंपिक खेलों में महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियां हासिल करना शामिल है. NSP 2025 को बनाने में में अलग अलग मंत्रालयों, राज्य सरकारों, नीति आयोग, राष्ट्रीय खेल महासंघों (NSF), खिलाड़ियों का सहयोग रहा.
राष्ट्रीय खेल नीति 2025 का उद्देश्य “भारत को एक अग्रणी खेल राष्ट्र बनने की दिशा में एक परिवर्तनकारी मार्ग पर स्थापित करना है. इसके तहत भारत के रहने वाले हर इंसान को खेल के प्रति जागरूक किया जाएगा. महिलाओं के लिए भी खेल में हिस्सा लेने पर जोर दिया जाएगा. इस नई नीति के तहत स्पोर्ट्स लीग के आयोजन को भी बढ़ावा मिलेगा जिससे ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों को अवसर मिले.
खेलो भारत नीति-2025 के पांच प्रमुख स्तंभ
1. वर्ल्ड लेवल पर खेल को बढ़ावा देना: जमीनी स्तर से लेकर उच्चतम स्तर तक खेल कार्यक्रमों को मजबूत करना. प्रतिस्पर्धी लीग और प्रतियोगिताओं की स्थापना को बढ़ावा देना और ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में खेल बुनियादी ढांचे का विकास करना.
2. आर्थिक विकास के लिए खेल: खेल पर्यटन को बढ़ावा देना और भारत में प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आयोजनों को आकर्षित करना. खेल निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना और इस क्षेत्र में स्टार्टअप और उद्यमिता को बढ़ावा देना. सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPPs), कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) और नवाचारी वित्तपोषण पहलों के माध्यम से निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करना.
3. सामाजिक विकास के लिए खेल: महिलाओं, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, आदिवासी समुदायों और विकलांग व्यक्तियों के बीच भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए केंद्रित कार्यक्रम. स्वदेशी और पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित और बढ़ावा देना. खेल को एक करियर विकल्प के रूप में स्थापित करना.
4. जन आंदोलन के रूप में खेल: देशव्यापी अभियानों और सामुदायिक-आधारित आयोजनों के माध्यम से जन भागीदारी और फिटनेस की संस्कृति को बढ़ावा देना. स्कूलों, कॉलेजों और कार्यस्थलों के लिए फिटनेस सूचकांक लॉन्च करना. खेल सुविधाओं को बढ़ावा देना.
5. शिक्षा के साथ खेल को जोड़ना- (NEP 2020): स्कूल पाठ्यक्रम में खेल को एकीकृत करना. खेल शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों और शारीरिक शिक्षा शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करना.