
अगर आप देश विदेश घूमते रहते हैं तो इस देश में जाने से पहले ये जान लें कि यहां वॉट्सएप और टेलीग्राम जैसे प्लैटफॉर्म को आप इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे.

- रूस में WhatsApp और Telegram पर बैन लगेगा.
- रूस नया सरकारी मैसेजिंग ऐप “Vlad’s App” लॉन्च करेगा.
- नए ऐप से डिजिटल सुरक्षा और गोपनीयता चिंताएं बढ़ेंगी.
नई दिल्ली. अगर आप वॉट्सएप और टेलीग्राम यूज करते हैं और कई देशों में घूमने का शौक भी रखते हैं तो आपके लिए ये खबर जरूरी है. दरअसल, एक देश ने वॉट्सएप और टेलीग्राम के यूज पर रोक लगाने की योजना बनाई है. ये देश कोई और नहीं, बल्कि रूस है. जी हां रूस जल्द ही एक सरकारी मैसेजिंग ऐप लॉन्च करने की तैयारी में है, जिसका मकसद WhatsApp, Telegram और Elon Musk के X-Chat जैसे वैश्विक दिग्गजों से मुकाबला करना है. इस नए प्लेटफॉर्म का नाम “Vlad’s App” रखा गया है और इसे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निर्देशन में विकसित किया जा रहा है. ऐप को देश की निचली संसद ने मंजूरी दे दी है.
हालांकि मसौदा कानून निचली संसद से पास हो गया है, इसे ऊपरी संसद की मंजूरी और राष्ट्रपति पुतिन के हस्ताक्षर की जरूरत है. रूसी डिजिटल विकास मंत्री मक्सुत शादायेव के अनुसार, इस मैसेंजर को राज्य-नियंत्रित डिजिटल सेवाओं के साथ इंटिग्रेट करना टॉप प्रायोरिटी है. उन्होंने जोर देकर कहा कि दूसरे देश इस तरह की संरचना बनाने में रूस से आगे हैं.
इस नए ऐप में क्या खास होगा?
WhatsApp या Telegram के विपरीत, Vlad’s App राज्य और नगरपालिका डेटाबेस से गहराई से जुड़ा होगा. रिपोर्ट्स के अनुसार, यह पर्सनल जानकारी के हस्तांतरण, डिजिटल रूप से अनुबंधों पर हस्ताक्षर, वस्तुओं और सेवाओं के भुगतान और यहां तक कि शैक्षिक सेवाओं तक पहुंच की अनुमति देगा. महत्वपूर्ण बात ये है कि ये सुविधाएं केवल यूजर्स की सहमति से काम करेंगी, हालांकि गोपनीयता संबंधी चिंताएं बनी हुई हैं.
फिलहाल, रूस के बाहर के उपयोगकर्ता Vlad’s App का उपयोग नहीं कर पाएंगे. रिपोर्ट्स के अनुसार, रूसी सरकार देश में WhatsApp और Telegram को ब्लॉक कर सकती है, जिससे निवासियों को इस नए प्लेटफॉर्म पर स्विच करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है. इससे रूस में ऑनलाइन संचार का तरीका काफी बदल सकता है और अंतरराष्ट्रीय मैसेजिंग सेवाओं तक पहुंच सीमित हो सकती है.
रूस का एक संप्रभु डिजिटल इकोसिस्टम बनाने का प्रयास राज्य के नियंत्रण को बढ़ा सकता है, लेकिन यूजर्स की गोपनीयता और संचार की स्वतंत्रता पर सवाल खड़े करता है. वैश्विक प्रभाव इस बात पर निर्भर करेगा कि ऐप कैसे विकसित होता है और रूस ऐप प्रतिबंधों को कैसे लागू करता है.
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