
सिर्फ पंत ने साथ नहीं छोड़ा…
शॉ ने हाल ही में एक इंटरव्यू में न्यूज24 से बात करते हुए अपने दिल का बोझ हल्का किया, उन्होंने कहा,
जब भी मैं टूटता था, ऋषभ पंत मुझसे बात करता था. वो आज भी करता है. जब उसे लगता है कि मैं ठीक नहीं हूं, वो खुद मुझसे जुड़ता है
मैंने गलत फैसले लिए, क्रिकेट से दूर हो गया
पृथ्वी शॉ ने भावुक होकर माना, ‘मैं बहुत मेहनती था, घंटों नेट्स में बल्लेबाजी करता था. मैदान मेरा घर था. लेकिन फिर… धीरे-धीरे मैंने क्रिकेट को कम समय देना शुरू कर दिया. मैंने गलत फैसले लिए. खुद को गलत लोगों से घेर लिया.’
कभी 8 घंटे मैदान पर रहने वाले पृथ्वी, अब खुद स्वीकार करते हैं कि वो ट्रैक से भटक गए थे.
मैंने जो जरूरी नहीं था, उसे जरूरी मान लिया. ऐसे दोस्त बना लिए जो सिर्फ नाम और शोहरत की वजह से मेरे करीब आए. वे मुझे अपनी दुनिया में खींचते रहे… और मैं गिरता गया.
नई शुरुआत की उम्मीद
इन तमाम परेशानियों के बीच पृथ्वी शॉ ने एक नई शुरुआत की उम्मीद जगाई है. उन्होंने मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन से NOC (अनापत्ति प्रमाणपत्र) मांगा है ताकि वह किसी अन्य राज्य के लिए खेल सकें. पिछले साल उन्हें फिटनेस कारणों से रणजी टीम से बाहर कर दिया गया था. एक बार फिर वापसी की कोशिश की, लेकिन विजय हजारे ट्रॉफी में उन्हें फिर नजरअंदाज कर दिया गया.
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