टीम इंडिया टेस्ट टीम के पूर्व कप्तान रोहित शर्मा कई बार क्रिकेट पंडितों, पूर्व क्रिकेटर की आलोचना का शिकार हुआ हैं। अब एक इंटरव्यू में 38 साल के रोहित शर्मा ने बताया कि आधुनिक समय में किस तरह से मसाला ने शुद्ध क्रिकेट पर कब्जा कर लिया है। विमल कुमार से एक इंटरव्यू के दौरान रोहित ने बताया कि जिस तरह से भारत में कमेंट्री होती है और ऑस्ट्रेलिया में जिस तरह के कमेंट्री की जाती है उसमें कितना अंतर है।
रोहित शर्मा ने कहा कि हम सब कुछ देखते हैं, हम एक-दूसरे से बात करते हैं। कभी-कभी जब हम टीवी पर मैच देख रहे होते हैं, तो कमेंटेटर जिस तरह की बातें करते हैं, वह ऑस्ट्रेलिया में देखी जाने वाली कमेंट्री से बहुत अलग होती है। ये बहुत निराशाजनक है और मैं बहुत ईमानदारी से कह रहा हूं। भारत में ऐसा लगता है कि वे सिर्फ एक खिलाड़ी को निशाना बनाना चाहते हैं और उसके बारे में बोलना चाहते हैं जो बहुत निराशाजनक है।
टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके रोहित ने कहा कि खराब फॉर्म को लेकर किसी खिलाड़ी की आलोचना करना पूरी तरह से समझ में आता है। लेकिन कमेंटेटरों को पता होना चाहिए की उसकी सीमा कितनी होनी चाहिए। हिटमैन ने आगे कहा कि बहुत से लोग हैं जो खेल से प्यार करते हैं उन्हें मसाला नहीं चाहिए वे क्रिकेट देखना चाहते हैं। आज के समय में हम खेल में बहुत मसाला डालते हैं। ऐसे क्रिकेट प्रेमी भी हैं जो खेल के बारे में ज्यादा जानना चाहते हैं और समझना चाहते हैं कि किसी खिलाड़ी का फॉर्म खराब क्यों है। वे व्यक्तिगत बातें नहीं सुनना चाहते। सिर्फ इसलिए कि आपको बोलने का अधिकार है, इसका मतलब ये नहीं है कि आप कुछ भी बोलेंगे।
रोहित ने आगे कहा कि, खिलाड़ियों का सम्मान करें। मैंने कुछ जगहों पर ये भी कहा कि जो भी इन वर्ल्ड कप का हिस्सा रहा है, वह बहुत सम्मान के हकदार है। रोहित को लगता है कि आज के समय में किसी खिलाड़ी के खराब प्रदर्शन पर वास्तविक प्रतिक्रिया की जगह एजेंडा चलाने वाली आलोचना ने जगह ले ली है। उन्होंने कहा कि अगर हमने अच्छा नहीं किया है तो हम आलोचना के हकदार हैं और इसमें कोई समस्या भी नहीं है लेकिन किसी की आलोचना करने का एक तरीका होता है। आज एजेंडा चालित आलोचना की जा रही है जो गलत है।
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