मॉक ड्रिल: युद्ध की तैयारी कैसे नागरिकों की जिंदगी को करती है प्रभावित, क्या होगा असर?

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मॉक ड्रिल की सांकेतिक तस्वीर

पहलगाम में आतंकवादी हमले में 26 नागरिकों की हत्या कर दी गई। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है। हमले के बाद भारत सरकार ने सिंधु समझौता रद्द करने और अटारी बॉर्डर बंद करने जैसे कई बड़े कदम उठाए। अब गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी करके देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल करने का फैसला किया। मॉक ड्रिल में युद्ध जैसी स्थिति से नागरिकों को निपटने और उनकी सुरक्षा से संबंधित अभ्यास शामिल होते हैं। आइए जानते हैं कि मॉक ड्रिल आम नागरिकों की जिंदगी में क्या असर डालती है?

1. बिना रोशनी में रहने का होता है अभ्यास

मॉक ड्रिल के दौरान जब ब्लैकआउट होता है, तो उस समय लाइट बंद कर दी जाती है। ब्लैकआउट के दौरान यह भी बताया जाता है कि कार और अन्य दूसरे वाहनों की लाइट को नागरिक कैसे ढकें? ब्लैकआउट के दौरान नागरिकों की दिनचर्या पर असर पड़ता और रोशनी ना होने के कारण सड़कों पर वाहन कम चलते हैं। जब युद्ध होता है, तो ब्लैकआउट के अभ्यास से आम नागरिक अपने घरों में कुछ देर के लिए बिना रोशनी के रह सकते हैं और दुश्मन की मिसाइलों द्वारा घरों का पता लगाना भी मुश्किल होता है।

2. हवाई हमलों से किस तरह बचें?

नागरिकों को हवाई हमलों से बचाने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। इसमें बंकरों में किस तरह से शरण लें, खाई खोदना और दुश्मन की बमबारी से खुद को बचाते हुए सुरक्षित स्थान पर कैसे पहुंचे इसका अभ्यास करवाया जाता है। इससे उन्हें आपातकालीन स्थिति से निपटने में सहायता मिलती है। ऐसे में अगर कोई भी युद्ध ज्यादा दिन चलता है, तो नागरिकों को अपने घर से दूर बंकर में शरण लेनी पड़ सकती है।

3. आपातकालीन स्थिति से निपटने में मिलती है मदद

मॉक ड्रिल लोगों को एक-साथ काम करने के लिए टीम वर्क सिखाती है, ताकि युद्ध होने पर आम नागरिक एक टीम के तौर पर कार्य कर सकें। मॉक ड्रिल यह भी सुनिश्चित करती है कि लोग आपातकालीन स्थितियों के दौरान प्रभावी ढंग से रिएक्शन दें और सुरक्षित वातावरण बना सकें। मॉक ड्रिल के दौरान यातायात और संचार के माध्यमों पर सबसे बड़ा असर पड़ता है। सड़कों पर गाड़ियां रोक दी जाती हैं। इससे आम नागरिकों पर सफर करने में समस्या हो जाती है। इस दौरान उन्हें कम सफर करने की सलाह दी जाती है।

4. मेडिकल इमरजेंसी

मॉक ड्रिल में आम नागरिकों को मेडिकल इमरजेंसी के दौरान कैसे रिएक्ट करना है। दूसरों को किस तरह से अस्पताल पहुंचाना है। इसका मुख्य मकसद दहशत को कम करना, अराजकता फैलने से रोकना और जान बचाना होता है।

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