सैमसंग ने 520 मिलियन डॉलर (4,451 करोड़ रुपए) के टैक्स डिमांड नोटिस मामले में भारत सरकार को चुनौती दी है। कंपनी ने टैक्स ट्रिब्यूनल में टैक्स डिमांड नोटिस के खिलाफ याचिका दायर की है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कंपनी पर टेलीकॉम इक्विपमेंट्स के इंपोर्ट पर टैरिफ से बचने का आरोप लगाया था।
इसके खिलाफ याचिका में सैमसंग ने कहा कि टैक्स अधिकारी लंबे समय से इस बात से पूरी तरह वाकिफ थे कि रिलायंस जियो भी 2017 तक उसी तरह से उपकरण आयात कर रहा था, लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं हुई।
सैमसंग का कहना है कि हमें 2017 में रिलायंस को मिली चेतावनी के बारे में नहीं बताया गया। अगर पहले ही स्पष्ट कर दिया जाता, तो यह विवाद न होता। इसके अलावा सरकार ने सैमसंग के सात अधिकारियों पर 81 मिलियन डॉलर (693 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया था।
इंपोर्ट को गलत क्लासिफाई करने के लिए 2023 में चेतावनी मिली थी
2018 से 2021 तक सैमसंग ने कोरिया और वियतनाम से 6,711 करोड़ रुपए की वैल्यू के कंपोनेंट के इंपोर्ट पर कोई बकाया नहीं चुकाया है।
सैमसंग ने भारत की टैक्स अथॉरिटी पर जांच खत्म करने का दबाव डाला
सैमसंग ने भारत की टैक्स अथॉरिटी पर जांच को खत्म करने का दबाव डाला था। तब कंपनी ने यह कहा था कि कंपोनेंट पर टैरिफ नहीं लगता है और अधिकारियों को सालों से इसकी क्लासिफिकेशन प्रैक्टिस के बारे में पता था। हालांकि, कस्टम अथॉरिटी ने 8 जनवरी को अपने एक आदेश में कंपनी के बयान पर असहमति जताई थी।
सैमसंग ने भारतीय कानूनों का उल्लंघन किया: कमिश्नर ऑफ कस्टम्स
कमिश्नर ऑफ कस्टम्स सोनल बजाज ने कहा कि सैमसंग ने भारतीय कानूनों का उल्लंघन किया है। इसके अलावा कंपनी ने कस्टम अथॉरिटी के सामने क्लीयरेंस के लिए जानबूझकर झूठे दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं। जांचकर्ताओं ने पाया कि सैमसंग ने सभी बिजनेस एथिक्स, इंडस्ट्री प्रैक्टिसेज और स्टैंडर्ड्स का उल्लंघन किया है।
कंपनी ने भारतीय कानूनों का अनुपालन किया है: सैमसंग का बयान
सैमसंग ने बयान में कहा कि कंपनी ने भारतीय कानूनों का अनुपालन किया है। साथ ही कंपनी अपने अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानूनी विकल्पों का आकलन कर रही है।
2021 में शुरू हुई जांच, कंपनी के ऑफिसों की हुई थी तलाशी
सैमसंग की जांच 2021 में तब शुरू हुई, जब टैक्स इंस्पेक्टर्स ने मुंबई और नई दिल्ली में कंपनी के ऑफिसों की तलाशी ली थी। तब टैक्स इंस्पेक्टर्स ने डॉक्यूमेंट्स, ईमेल और कुछ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को भी जब्त किया था। इसके बाद कंपनी के कुछ शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ भी की गई थी।
2018 से 2021 तक ₹6,711 करोड़ के इंपोर्ट पर बकाया नहीं चुकाया
टैक्स इंस्पेक्टर्स ने पाया था कि 2018 से 2021 तक सैमसंग ने कोरिया और वियतनाम से 784 मिलियन डॉलर यानी 6,711 करोड़ रुपए की वैल्यू के कंपोनेंट के इंपोर्ट पर कोई बकाया नहीं चुकाया है।
सरकार ने कहा कि टेलीकॉम टावरों पर लगाया जाने वाला यह कंपोनेंट सिग्नल ट्रांसमिट करता है और इस पर टैरिफ लगता है। हालांकि, सैमसंग ने इस बात पर असहमति जताई है।
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