माले: मालदीव के विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को झूठे दावे करने के मुद्दे पर घेर लिया है। विपक्ष ने मुइज्जू से माफी मांगने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि मुइज्जू ने कहा है कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा अन्य देशों के साथ किए गए समझौतों को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है। इस पर विपक्षी नेता ने मुइज्जू की आलोचना करते हुए कहा कि भारत जैसे देशों के साथ समझौतों के संबंध में 2023 के चुनाव प्रचार के दौरान किए गए “झूठे दावे” के लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
ऑनलाइन समाचार पोर्टल अधाधूडॉटकॉम की खबर के अनुसार, मुइज्जू ने शनिवार को अपने कार्यालय में लंबे समय तक चले एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह सैन्य समझौतों का खुलासा करने के अपने वादे के अनुरूप काम कर रहे हैं और उन्होंने देरी के लिए गोपनीयता के मुद्दों को जिम्मेदार ठहराया। समाचार पोर्टल ने उनके हवाले से कहा, ‘‘द्विपक्षीय चर्चाएं जारी हैं। कोई मुद्दा नहीं है। हालांकि, चूंकि मैंने एक संकल्प लिया है, इसलिए हम द्विपक्षीय चर्चाओं के माध्यम से खुलासा करने का प्रयास कर रहे हैं। कोई चिंता की बात नहीं है।’’
पीएसएम न्यूज की खबर के अनुसार, मुइज्जू ने यह टिप्पणी 15 घंटे तक चले एक संवाददाता सम्मेलन में की। पीएसएम न्यूज ने दावा किया कि मुइज्जू के इस संवाददाता सम्मेलन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया। सत्ता में आने से पहले, मुइज्जू के नेतृत्व वाली पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) ने पूर्ववर्ती मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) सरकार द्वारा अन्य देशों, विशेषकर भारत के साथ हस्ताक्षरित समझौतों पर चिंता व्यक्त की थी। मुइज्जू और उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने पहले कहा था कि इन समझौतों से मालदीव की संप्रभुता प्रभावित होगी। मुइज्जू के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मालदीव के पूर्व विदेश मंत्री और विपक्षी एमडीपी प्रमुख अब्दुल्ला शाहिद ने उनकी आलोचना की और कहा कि मालदीव और भारत के लोग 2023 के चुनाव प्रचार के दौरान समझौतों पर उनके झूठे दावों के लिए माफी के हकदार हैं।
शाहिद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘सालों के झूठे दावों के बाद, राष्ट्रपति मुइज्जू ने अब पुष्टि की है कि मालदीव और भारत के बीच द्विपक्षीय समझौतों को लेकर कोई “गंभीर चिंता” नहीं है। उन्होंने 2023 का राष्ट्रपति चुनाव एक ऐसे अभियान के दम पर जीता है, जिसमें दावा किया गया था कि ये समझौते हमारी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह आख्यान उनके शब्दों से ही ढह गया है। इसने भय उत्पन्न किया, विश्वास तोड़ा और वैश्विक स्तर पर मालदीव की प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचायी। मालदीव और भारत के लोग माफी के हकदार हैं।’’ नवंबर 2023 में चीन समर्थक राष्ट्रपति मुइज्जू के पदभार संभालने के बाद से मालदीव और भारत के द्विपक्षीय संबंधों में गिरावट देखी गई है। उनके कहने पर, भारत ने विमान और हेलीकॉप्टर के रखरखाव के लिए तैनात अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुला लिया था। (भाषा)
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