अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भारत के कार्यकारी निदेशक कृष्णमूर्ति वी सुब्रमण्यन को तुरंत प्रभाव से हटा दिया गया है। उनका कार्यकाल तीन साल का था, जिसमें अभी छह महीने बाकी थे। 30 अप्रैल को जारी आदेश में कहा गया है कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनकी सेवाएं तुरंत प्रभाव से समाप्त करने की मंजूरी दे दी है।
सुब्रमण्यन 2018 से 2022 तक देश के सबसे युवा मुख्य आर्थिक सलाहकार थे। वह नवंबर, 2022 में कार्यकारी निदेशक (भारत) के रूप में IMF में शामिल हुए। इस भूमिका के तहत, उन्होंने IMF में भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका और भूटान का प्रतिनिधित्व किया।
सरकार आईएमएफ बोर्ड में सुब्रमण्यन की जगह किसी और को नियुक्त करने की तैयारी कर रही है। सुब्रमण्यन के जाने के कारणों का आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, उनकी पुस्तक ‘इंडिया @100’ के प्रचार में अनियमितता की बात सामने आई थी, जिसने चिंता बढ़ाई। साथ ही, आईएमएफ के कुछ आंतरिक नियमों के कथित उल्लंघन की खबरें भी थीं।
फरवरी 2025 में सुब्रमण्यन ने अपने दो वरिष्ठ सलाहकारों के साथ मिलकर आईएमएफ की रेटिंग प्रणाली पर सवाल उठाया था। उन्होंने इसे पक्षपाती और भ्रामक बताया था। सूत्रों के मुताबिक, आईएमएफ के अंदर यह बात अच्छी नहीं लगी और इसे पारदर्शिता और निष्पक्षता के खिलाफ माना गया।
Source link