जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने पहलगाम नरसंहार के लिए पाकिस्तान से ऑपरेट होने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को जिम्मेदार ठहराया है. साल 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान आतंकी मसूद अजहर को IC-814 हाईजैकिंग के दौरान छोड़ा गया था. छूटने के बाद मसूद ने जैश-ए-मोहम्मद को खड़ा किया और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की मदद से भारत में आतंकवाद फैलाने लगा. एबीपी न्यूज आज आपको बताने जा रहा है कि आखिर कौन-कौन है जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर, जो मसूद अजहर की साजिशों का असली चोला पहनाते हैं.
पाकिस्तान में मौलाना मसूद अजहर को जैश के आमिर की पदवी दी गई है. कभी अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन और तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर से ताल्लुक रखने वाले मसूद अजहर ने कश्मीर से लेकर अफगानिस्तान तक में आतंकवाद फैलाने का जिम्मेदार रहा है. रूस के चेचन्या, सेंट्रल एशिया और अफ्रीकी देश सोमालिया तक में आतंक फैलाने का जिम्मेदार मसूद अजहर को माना जाता है.
भारत के हमलों से डरकर ISI की सुरक्षा में है आतंकी मसूद अजहर
भारत के हमलों से डरा मसूद अजहर अब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की छत्रछाया में रहता है ताकि उस पर कोई हमला न हो जाए. हालांकि, जैश का चीफ ऑपरेशन्स कमांडर मुफ्ती असगर उर्फ अब्दुल रउफ असगर है, जो मसूद अजहर का भाई भी है. जम्मू कश्मीर में आतंकियों को भेजने से लेकर टारगेट चुनने और उसके लिए कौन से आतंकी जाएंगे, ये सब रउफ असगर की ही जिम्मेदारी है.
पुलवामा हमले में रउफ असगर को NIA ने बनाया था आरोपी
2019 के पुलवामा हमले में रउफ असगर को भी NIA ने आरोपी बनाया था. साथ ही 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले में भी रउफ की अहम भूमिका थी. इसके अलावा मौलाना मुफ्ती मोहम्मद असगर उर्फ रशीद असगर को जैश-ए-मोहम्मद में लॉन्च कमांडर की जिम्मेदारी दी गई है. साद बाबा के नाम से मशहूर मोहम्मद असगर, जैश में शामिल होने से पहले हिजबुल मुजाहिद्दीन का हिस्सा था.
लॉन्च कमांडर के तौर पर टेरर लॉन्च पैड्स से आतंकियों को LoC पार कराकर जम्मू-कश्मीर में भेजने की तैयारी भी रशीद असगर की है.
जैश-ए-मोहम्मद में सभी को दी गई अलग-अलग जिम्मेदारी
पाकिस्तानी सेना से समन्वय की जिम्मेदारी मसूह अजहर ने इब्राहिम राथेर को दी है, जिसे जैश में नाजिम की पदवी दी गई है. आतंकियों को मिलिट्री ट्रेनिंग पर भेजने की जिम्मेदारी इब्राहिम के पास है.
जैश-ए-मोहम्मद में फाइनेंस की जिम्मेदारी मौलाना सज्जाद उस्मान के कंधों पर रखी गई है. इसके अलावा नाजिम सैफुल्लाह शाकिर को मसूद ने अल रहमत ट्रस्ट का प्रमुख बना रखा है, जो मदरसों इत्यादि से आने वाली मदद की जिम्मेदारी रखता है,
वहीं, जैश में प्रोपेगेंडा की जिम्मेदारी मौलाना कारी और मसूद अहमद को सौंप रखी है. जैश में प्रवक्ता की जिम्मेदारी मोहम्मद हसन को दी रखी है.
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