547 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त, 15 गिरफ्तार; अमित शाह ने NCB को दी बधाई
Image Source : PTI केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत निर्ममता के साथ ड्रग कार्टेल को खत्म कर रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में अमित शाह ने कहा कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की अमृतसर जोनल यूनिट ने 4 राज्यों में 4 महीने तक चले ऑपरेशन के जरिए ड्रग डायवर्जन कार्टेल को खत्म किया। 547 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की और 15 लोगों को गिरफ्तार किया। शाह ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नशामुक्त भारत बनाने के विज़न की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने इसके लिए NCB की टीम को बधाई दी।
पीएम मोदी नेतृत्व में मादक पदार्थों के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम के रूप में NCB ने हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में एक वितरक से 1.36 करोड़ साइकोट्रॉपिक टैबलेट जब्त किए हैं। NCB ने उत्तराखंड के हरिद्वार में एक निर्माता से 11,693 CBCS बोतलें और 2.9 किलो ट्रामाडोल पाउडर भी जब्त किया है। जब्त दवाओं का कुल मूल्य लगभग 547 करोड़ रुपये है।
ड्रग तस्करों पर कार्रवाई कर रही एजेंसियां-
‘नशा मुक्त भारत’ बनाने के पीएम मोदी के विजन के अनुसरण में NCB की अमृतसर जोनल इकाई ने पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में गैर-चिकित्सीय उपयोग के लिए फार्मास्युटिकल दवाओं के अवैध विचलन और वितरण में शामिल प्रमुख नेटवर्कों का भंडाफोड़ किया है। अमित शाह के मार्गदर्शन में दिसंबर 2024 से अप्रैल 2025 तक खुफिया जानकारी आधारित अभियान और मामलों की जांच में ‘टॉप टु बॉटम’ और ‘बॉटम टु टॉप’ अप्रोच के परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण जब्ती और गिरफ्तारियां हुईं, जिसने निर्माताओं, स्टॉकिस्टों और फ्रंट ऑपरेटरों के बीच एक जटिल गठजोड़ को उजागर किया।
बीते 20-21 अप्रैल को उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में छापेमारी की गई। उत्तराखंड में तलाशी के परिणामस्वरूप जे आर फार्मास्युटिकल्स से 11,693 CBCS बोतलें और 2.9 किलोग्राम ट्रामाडोल पाउडर जब्त किए गए। हिमाचल प्रदेश में प्रमुख वितरक एमबिट बायो मेडिक्स के परिसर में तलाशी से 19,25,200 टैबलेट और दिल्ली के बवाना में आशी फार्मास्युटिकल के परिसर में तलाशी से 1.17 करोड़ ट्रामाडोल और अल्प्राजोलम टैबलेट जब्त किए गए, जो फार्मास्युटिकल दवाओं के बड़े पैमाने पर अनधिकृत कब्जे और अवैध वितरण को दर्शाता है। एमबिट बायो मेडिक्स का मालिक पहले गिरफ्तार किया गया था, जब वह 18 अप्रैल को दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे से वियतनाम भागने की कोशिश कर रहा था।
जांच में पता चला कि हिमाचल प्रदेश के एमबिट बायो मेडिक्स के मालिक ने पहले दिल्ली में काम किया था, जहां उसका ड्रग लाइसेंस दिसंबर 2022 में रद्द कर दिया गया था। इसे छिपाकर उसने हिमाचल प्रदेश में एक नया लाइसेंस प्राप्त किया और दिल्ली में अपने सहयोगी के नाम पर आशी फार्मास्युटिकल नामक एक और फर्म की शुरुआत की। जांच चार महीने पहले शुरू हुई थी जब अमृतसर में एक व्यक्ति, जो चिकित्सा पेशेवर होने का दावा कर रहा था, को 2,280 अल्प्राजोलम और 1,220 ट्रामाडोल टैबलेट के साथ पकड़ा गया। आगे की जांच में एक स्थानीय वितरण श्रृंखला का पता चला, जिसके परिणामस्वरूप कई गिरफ्तारियां हुईं और बाद में हुई तलाशी में 21,400 और ट्रामाडोल टैबलेट और 43,000 अल्प्राजोलम टैबलेट बरामद किए गए।
फरवरी 2025 में एक अन्य मामले में अमृतसर में 5,000 ट्रामाडोल हाइड्रोक्लोराइड (ट्रेकम-100) टैबलेट की अलग जब्ती ने जांचकर्ताओं को तरन तारन, देहरादून और मानांवाला तक फैली एक श्रृंखला तक पहुंचाया। स्रोत से पता चला कि अवैध फार्मास्युटिकल दवाओं की अवैध आपूर्ति बिना लाइसेंस के संचालित व्यक्तियों द्वारा डमी मेडिकल सेटअप के समर्थन से की जा रही थी।
दोनों मामलों की जांच में हरिद्वार स्थित एक ही फार्मास्युटिकल विनिर्माण कंपनी, जे आर फार्मास्युटिकल्स की संलिप्तता का पता चला, जिसके कारण संदेह पैदा हुआ और अब तक की जांच में M/s जे आर फार्मास्युटिकल्स, हरिद्वार और अन्य द्वारा बड़े पैमाने पर फार्मास्युटिकल दवाओं का विचलन उजागर हुआ है।
फरवरी 2025 में जे आर फार्मास्युटिकल्स पर की गई छापेमारी में 16,860 ट्रामाडोल टैबलेट, 327 कोडीन-आधारित कफ सिरप की बोतलें, और ड्रम में छिपाए गए 2.55 लाख लूज ट्रामाडोल टैबलेट (80.7 किलो) जब्त किए गए। उसी महीने में पूछताछ के दौरान प्राप्त जानकारी के आधार पर की गई छापेमारी में 8,89,064 CBCS बोतलें बरामद की गईं, जिन्हें बिना वैध दस्तावेजों के कहीं और भेजे जाने के लिए रखा गया था।
जांच में यह भी पता चला कि कई फ्रंट स्टॉकिस्ट फर्में फर्जी या गैर-परिचालित पाई गईं और उनके माध्यम से दवाओं का विचलन किया गया। ऐसी ही एक फर्म – M/s तिवारी मेडिकल एजेंसी, देहरादून के सत्यापन पर एक मिठाई/दर्जी की दुकान निकली और फर्म की मालकिन एक नौकरानी के रूप में काम करती पाई गई, जबकि अन्य फर्में, M/s कवती हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड, देहरादून और M/s लाइफ केयर फार्मा, कोलकाता, घोषित पते पर मौजूद नहीं थीं। डमी स्टॉकिस्ट M/s तिवारी मेडिकल एजेंसी के पीछे के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया गया, जिसके परिणामस्वरूप देहरादून में एक सड़क किनारे ढाबे से 1.24 लाख अल्प्राजोलम टैबलेट जब्त किए गए। जांच में पता चला कि वह अन्य फर्मों से भी फार्मास्युटिकल दवाएं प्राप्त कर रहा था।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, जीएसटी विभाग, राज्य ड्रग नियंत्रकों, आयकर प्राधिकरणों, सीबीएन और वित्तीय संस्थानों के साथ सक्रिय रूप से समन्वय कर रही है ताकि Drug diversion network के पूरे दायरे का पता लगाया जा सके।
अब तक की जांच में पिछले चार महीनों में 1.42 करोड़ से अधिक ट्रामाडोल और अल्प्राजोलम टैबलेट, 2.9 किलो ट्रामाडोल पाउडर, और 9,01,084 CBCS बोतलें (लगभग 135 टन) की कुल जब्ती और चार अलग-अलग राज्यों से 15 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। जांच के दौरान अन्य लोगों की संलिप्तता के बारे में सुराग भी मिले हैं और अगले कुछ हफ्तों में और जब्ती की उम्मीद है।
यह जब्ती ड्रग नेटवर्क को सफलतापूर्वक ध्वस्त करने की NCB की प्रतिबद्धता का उदाहरण है। मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ लड़ाई में NCB नागरिकों का समर्थन मांगती है। कोई भी व्यक्ति मादक पदार्थों की बिक्री से संबंधित जानकारी MANAS- राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर-1933 पर कॉल करके साझा कर सकता है।