जहानाबाद. रबी फसल की कटाई हो चुकी है. इस सीजन में गेहूं, चना समेत कई अन्य फसल उगाए जाते हैं. किसान इन फसलों को अपने घर लाने की तैयारी में होंगे, क्योंकि अब इसका भंडारण भी तो करना होता है. हालांकि, जब भंडारण की सही व्यवस्था न हो तो किसान क्या करें? किसानों के लिए यह बड़ी चुनौती बनकर उभर आती है. ऐसे में हमारे यहां पहले जब इतनी सुविधाएं नहीं होती थी, तब कैसे भंडारण होता होगा? सोचिए. इन्हीं बातों का लेकर लोकल 18 की टीम ने कृषि विज्ञान केंद्र जहानाबाद के फसल एक्सपर्ट डॉ. मनोज कुमार से जानकारी ली.
गेहूं के दाने को सूखाकर करें भंडारण
एक्सपर्ट के अनुसार, रबी फसल का भंडारण से पहले उनकी कटाई बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है. चना, गेहूं, मसूर, राय की कटाई पूर्ण परिपक्वता पर ही होनी चाहिए. यानी गेहूं के बारे में बात करें तो इसकी कटाई का सबसे सही समय जब गेहूं की बाली टेढ़ी हो जाए. कटाई के बाद गेहूं की थ्रेशिंग भी अच्छे से होनी चाहिए. इसके बाद गेहूं दाना को सूखने के लिए छोड़ दें. सुखाने का सबसे सही तरीका यह है कि यदि गेहूं दाना को दांत के नीचे लेते हैं और ऊपर वाले दांत से जोर से दबाते हैं और उस दौरान यदि आवाज कट की आती है तो यह समझ लीजिए कि गेहूं का दाना पूरी तरह सुख चुका है और भंडारण के लायक हो चुका है.
कमाल है फसल भंडारण का देसी जुगाड़
फसल एक्सपर्ट के मुताबिक, इसे भंडारण के लिए उत्तर बिहार में एक प्रचलित प्रचलन है. यहां पर बहुत पहले से ही किसान अनाज का भंडारण मोबिल ड्रम में करते हैं. इसमें करीब 180 किलो तक मसूर, चना, गेहूं का भंडारण हो जाता है. भंडारण के दौरान उस ड्रम में कोई केमिकल डालने की जरूरत नहीं होती है, जो किसान केमिकल दवाई के इस्तेमाल की बात करते हैं, उसे देने की जरूरत नहीं पड़ती है. ड्रम में करीब 180 किलोग्राम तक गेहूं, चना या मसूर भर देते हैं और उस ड्रम में ढक्कन लगाकर रख देते हैं. इस तरह करने से कीड़े लगने का डर नहीं रहता है. यह बिल्कुल देसी उपाय है, जो हर कोई कर सकते हैं.
एक बार ड्रम की खरीद में होगी खर्च
उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया से गेहूं, चना, मसूर या अन्य फसल का भंडारण करते हैं तो कोई कीड़ा नहीं लगता है और ऐसा हो तो उसके दानों का रंग बहुत बढ़िया रह जाता है. यह पूरी तरह से देसी उपाय है, जो एक बार खर्च करने से कई साल तक चल जाते हैं. आपको सिर्फ एक बार ड्रम खरीदने की जरूरत पड़ती है. इसके बाद 4 से 5 साल तक आपको भंडारण की समस्या से सामना नहीं करना पड़ता है. सबसे बड़ी बात यह है कि यह एक कारगर विधि है, जिसमें केमिकल की मात्रा होती ही नहीं है. यह आपके सेहत के लिहाज से भी सही रहेगा.
भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि वह और…
India Oil Import: भारत में तेल की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. पेट्रोलियम निर्यातक…
8 मिनट पहलेकॉपी लिंकCBSE यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने मंगलवार को 10वीं और…
नई दिल्ली10 मिनट पहलेकॉपी लिंकहीरो के नए विडा वी1 प्लस और वी1 प्रो ईवी स्कूटर…
ANIविदेश मंत्रालय ने कहा कि वह राजनाथ सिंह की टिप्पणियों की कड़ी निंदा करता है।…
नई दिल्ली13 मिनट पहलेकॉपी लिंकसुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सरकार को निर्देश दिया कि वह…