हाइलाइट्स
पाकिस्तान को अपनी आर्मी पर भरोसा नहीं है. उसे तो केवल अपनी खुफिया एजेंसी आईएसआई पर ही यकीन है. तभी तो पूरी पाक आर्मी में उसे एक भी काबिल आदमी नहीं मिला जो पाकिस्तान की सुरक्षा की बागडोर संभाल सके. पाकिस्तान ने जासूसों के सरदार को पाकिस्तान की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंप दी है. जी हां, भारत के हमले से खौफजदा पाकिस्तान ने आधी रात को बड़ा कदम उठाया और आनन-फानन में आईएसआई (ISI) चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद आसिम मलिक को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बना दिया. पहलगाम अटैक के बाद पाकिस्तान के इस कदम से लग रहा है कि उसे भारत से हमले का डर सता रहा है.
दरअसल, पाकिस्तान ने भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच अपने आधी रात को एक नोटिफिकेशन जारी किया. इसके मुताबिक, खुफिया एजेंसी आईएसआई यानी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद आसिम मलिक को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. यह नियुक्ति जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद उत्पन्न संकट के बीच हुई है. पहलगाम अटैक में 26 लोगों की जान गई थी. इस हमले ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को युद्ध की कगार पर ला खड़ा किया है.
आधी रात को लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद आसिफ मलिक की नियुक्ति से यह फिर साफ होता है कि पाकिस्तान अपनी सुरक्षा नीतियों में आईएसआई की भूमिका को और मजबूत करना चाहता है. मौजूदा संकट के बीच पाकिस्तान अपने सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करने के लिए ही जासूसों के सरगना आसिफ मलिक को एनएसए का प्रभार दिया है. यह कदम दिखाता है कि पाकिस्तान अपनी सेना से अधिक ISI पर भरोसा कर रहा है ताकि भारत के पलटवार से बचा जाए.
कौन है आईएसआई चीफ आसिफ मलिक
लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद आसिम मलिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का प्रमुख है. अब वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी बन गया है. भारत का वह कट्टर दुश्मन है, क्योंकि आईएसआई के नेतृत्व में वह भारत विरोधी गतिविधियों, खासकर जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों को बढ़ावा देने में शामिल रहा है. हाल के दिनों में भारत में जितने भी आतंकी हमले हुए हैं, उन सबके पीछे आसिम मलिक का दिमाग ही है. पहलगाम हमले जैसे आतंकी कृत्यों में ISI की भूमिका उसकी रणनीति का हिस्सा मानी जाती है.
आसिफ मलिक की कुंडली
मुहम्मद आसिम मलिक पिछले साल सितंबर 2024 से आईएसआई का प्रमुख है. वह अपनी रणनीतिक विशेषज्ञता और सैन्य अनुभव के लिए जाना जाता है. वह पाकिस्तान में जासूसों का सरदार है. वह पाकिस्तान सैन्य अकादमी के 80वें लॉन्ग कोर्स के दौरान स्वॉर्ड ऑफ ऑनर विजेता रह चुका है. अमेरिका के फोर्ट लेवनवर्थ और यूके के रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज से ट्रेंड है. उसने बलूचिस्तान और वजीरिस्तान में अहम सैन्य अभियानों का नेतृत्व किया है. इसलिए पाकिस्तान ने एक बार फिर उस पर भरोसा जताया है.
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