आईएमएफ में पश्चिम एवं मध्य एशिया के निदेशक जिहाद अज़ूर ने कहा कि अमेरिका तथा अन्य देशों की शुल्क योजनाओं व भू-राजनीतिक तनावों ने वैश्विक स्तर पर आर्थिक अनिश्चितता बढ़ा दी है. इसका क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, जिससे उनकी वृद्धि दो से 4.5 प्रतिशत प्रभावित हो सकती है.
इकोनॉमी के बचाव के लिए रणनीति बनाने की जरूरत
दुबई में दिए साक्षात्कार में अजूर ने कहा, ‘‘ इसलिए देशों को इससे निपटने और अपनी अर्थव्यवस्थाओं की रक्षा के लिए नीतियां बनाने की जरूरत है.’’ अजूर ने कहा कि क्षेत्र में आने वाली विदेशी सहायता में कमी भी असर डाल सकती है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उनके देश की, विश्व के सबसे बड़े सहायता प्रदाता होने की नीति में बदलाव किया है.
उन्होंने कहा, ‘‘ अंतरराष्ट्रीय सहायता में कमी, विशेष रूप से कमजोर देशों के लिए इस क्षेत्र के लिए नए जोखिम उत्पन्न कर रही है.’’ अजूर ने कहा कि इस वर्ष एमईएनए क्षेत्र में वृद्धि दर 2.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि पिछले वर्ष यह 1.8 प्रतिशत थी. हालांकि, उन्होंने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता से परिदृश्य प्रभावित हो सकता है.
फारस की खाड़ी की अर्थव्यवस्थाएं पर्याप्त प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को आकर्षित करना जारी रखती हैं जो वैश्विक महामारी के बाद से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लगभग दो प्रतिशत तक बढ़ गया है, जबकि अन्य एमईएनए देश धीमी आवक के साथ संघर्ष करते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बावजूद एमईएनए देश संरचनात्मक सुधारों और आर्थिक संबंधों में विविधता लाकर वृद्धि को गति दे सकते हैं.
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