हाइलाइट्स
Canada Election Results: ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच कनाडा में सोमवार को चुनाव हुए. नतीजे लिबरल पार्टी के पक्ष में रहे. कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी चुनाव जीत गई. मगर संसद में पूर्ण बहुमत हासिल करने से चूक गई. बहुमत से दूर रहने का मतलब है कि सरकार चलाने और किसी कानून को बनाने के लिए लिबरल पार्टी को किसी अन्य पार्टी पर निर्भर रहना होगा. जस्टिन ट्रूडो के वक्त खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह की एनडीपी किंगमेकर थी. उसकी एनडीपी के समर्थन से ट्रूडो की सरकार चली थी. अब सवाल है कि मार्क कार्नी की सरकार किस पार्टी के भरोसे चलेगी?
दरअसल, कनाडा के संघीय चुनाव 2025 में मार्क कार्नी की अगुवाई वाली लिबरल पार्टी ने 169 सीटें जीतीं. यह 343 सीटों वाले संसद में बहुमत के लिए आवश्यक 172 सीटों से तीन कम हैं. बहुमत न मिलने के कारण मार्क कार्नी को अल्पमत सरकार बनानी होगी. इसके लिए उन्हें अन्य दलों के समर्थन पर निर्भर रहना होगा. कनाडा में अल्पमत सरकार को कानून पारित करने और विश्वास मत जीतने के लिए छोटे दलों का सहयोग चाहिए. कार्नी के लिए सबसे संभावित सहयोगी ब्लॉक क्यूबेक्वा यानी ब्लॉक क्यूबेकॉइस (22 सीटें) और एनडीपी यानी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (7 सीटें) हैं.
ब्लॉक क्यूबेकॉइस से चलेगी सरकार?
मार्क कार्नी को सबसे अधिक उम्मीद फ्रेंच भाषी ब्लॉक क्यूबेक्वा (ब्लॉक क्यूबेकॉइस) से है. यह एक रीजनल पार्टी है, जो क्यूबेक की स्वायत्तता पर केंद्रित है. उसने खुद संकेत दिया है कि वह लगभग साल तक मार्क कार्नी सहयोग कर सकता है. हालांकि, उसकी कुछ शर्तें हैं. वह क्यूबेक की संप्रभुता, फ्रांसीसी भाषा और संस्कृति में मार्क कार्नी का दखल नहीं चाहती. एनडीपी भी लिबरल्स के करीब है. हालांकि, इस चुनाव में उसका प्रदर्शन कमजोर रहा है. खुद उसका नेता जगमीत सिंह अपनी सीट हार चुका है.
क्या है ब्लॉक क्यूबेका
ब्लॉक क्यूबेक्वा कनाडा की एक क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी है. यह क्यूबेक प्रांत के हितों और स्वायत्तता को बढ़ावा देती है. 1991 में स्थापित यह पार्टी क्यूबेक की संप्रभुता, फ्रांसीसी भाषा, संस्कृति, और धर्मनिरपेक्षता की वकालत करती है. यह केवल क्यूबेक में चुनाव लड़ती है और संघीय संसद में प्रांत के मुद्दों को उठाती है. ऐसा लग रहा था कि तीसरे नंबर पर रहने वाला ब्लॉक क्यूबेकोइस, फ्रेंच भाषी क्यूबेक की एक अलगाववादी पार्टी है जो स्वतंत्रता चाहती है. ब्लॉक क्यूबेकोइस नेता यवेस-फ्रांस्वा ब्लैंचेट ने कहा कि अगर यह अल्पमत में रहती है तो वह एक साल के लिए सरकार के साथ काम करने के लिए तैयार रहेंगे.
क्यों चौंकाने वाला है रिजल्ट?
कनाडा का यह रिजल्ट सबके लिए चौंकाने वाला है. कुछ महीने पहले तक ऐसा लग रहा था कि कनाडा में लिबरल की हार होगी और एकक दशक में पहली बार कंजर्वेटिव सत्ता में आएगी. मगर ट्रंप के टैरिफ युद्ध ने लिबरल को दोबारा सत्ता में आने का मौका दे दिया. कार्नी का प्रतिद्वंदी और लोकलुभावन कंजर्वेटिव नेता पियरे पॉलीवरे सोमवार को न केवल प्रधानमंत्री बनने की दौड़ हार गए, बल्कि संसद की उस सीट से भी हार गए जो उन्होंने 20 वर्षों तक संभाली थी. पॉलीवरे एक अनुभवी राजनेता हैं जिन्होंने ट्रंप जैसी बहादुरी के साथ प्रचार किया और “अमेरिका फर्स्ट” के नारे को अपनाते हुए “कनाडा फर्स्ट” का नारा दिया. लेकिन ट्रंप से उनकी यही समानता आखिरकार उन्हें और उनकी पार्टी को भारी पड़ी.
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