इस्लामाबाद: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। जमीन, आकाश और समंदर, तीनों मोर्चों पर भारत की सेना ने पाकिस्तान को घेरने की रणनीति बनाई है। इस बीच, बॉर्डर पर भारत के एक्शन को देखते हुए पाकिस्तान में दहशत का माहौल है, और उसने इस्लामाबाद से लाहौर के बीच एयरस्पेस 30 अप्रैल तक बंद कर दिया है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि भारत कभी भी उनके देश पर हमला कर सकता है। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान हाई अलर्ट पर है और परमाणु हथियारों का इस्तेमाल केवल तभी होगा, जब उनके देश के अस्तित्व पर सीधा खतरा होगा। आसिफ ने यह भी कहा कि दो से चार दिन में भारत-पाकिस्तान के बीच जंग छिड़ सकती है। हालांकि बाद में आसिफ अपने बयान से पलट गए और कहा कि उन्होंने 3 दिनों के भीतर युद्ध छिड़ने की भविष्यवाणी नहीं की थी, बल्कि कहा था कि अगले तीन से चार दिन महत्वपूर्ण हैं।’
भारत ने इस हमले के बाद कड़ा रुख अपनाया है। रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सेना की तैयारियों का अपडेट दिया। यह मुलाकात करीब 40 मिनट तक चली। इससे पहले राजनाथ सिंह ने आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के साथ लंबी बैठक की थी। सूत्रों के मुताबिक, राजनाथ सिंह ने पीएम को पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की रणनीति और तैयारियों की जानकारी दी। प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कर दिया है कि आतंक के आकाओं को मिट्टी में मिलाकर ही दम लेंगे।
पाकिस्तान की सेना में भारत के संभावित हमले की आहट से भगदड़ मची है। लेफ्टिनेंट जनरल उमर अहमद बुखारी ने सेना प्रमुख असीम मुनीर को पत्र लिखकर बताया कि पिछले 72 घंटों में 1450 सैनिकों ने इस्तीफा दे दिया है, जिनमें 250 ऑफिसर रैंक के अधिकारी शामिल हैं। पहलगाम हमले के बाद से अब तक करीब 5,000 जवान और अधिकारी पाकिस्तानी सेना छोड़ चुके हैं। 12वीं कॉर्प्स क्वेटा से 520, फोर्स कमांड नॉर्दन एरिया से 380, और पहली कोर मंगला से 550 सैनिकों ने इस्तीफा दिया है।
पाकिस्तान के नेताओं में भारत की कार्रवाई का डर साफ दिख रहा है। कई नेता अपने परिवारों को देश से बाहर भेज रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपनी नापाक हरकतों को छिपाने के लिए चीन का सहारा लिया है। माना जा रहा है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी सेना के कई बड़े अफसरों ने भी अपने परिवारों को पाकिस्तान से बाहर भेज दिया है। पाकिस्तान की सेना को इस बार आवाम से भी खास समर्थन मिलता दिख नहीं रहा है जबकि आर्मी की ओर से बार-बार समर्थन की अपील की जा रही है।
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