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मम्मी 3 घंटे सोती थी, पिता ने छोड़ी नौकरी… यूं ही नहीं रोए थे वैभव सूर्यवंशी, बताया समस्तीपुर से IPL तक का संघर्षपूर्ण सफर

Vaibhav Suryavanshi Struggle Story: आईपीएल 2025 में महज 35 गेंद पर शतक जड़कर क्रिकेट जगत में हड़कंप मचाने वाले वैभव सूर्यवंशी ने अपनी संघर्ष की कहानी सुनाई है। बिहार के 14 साल के युवा खिलाड़ी ने कहा कि आज वो जो कुछ भी हैं अपने माता-पिता की वजह से हैं। सोमवार को जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में वैभव ने 38 गेंदों पर 101 रनों की तूफानी पारी खेली। इस दौरान उन्होंने सिर्फ 9 रन भागकर लिए। ताजपुर के ‘ताज’ ने ताबड़तोड़ पारी के दौरान 11 छक्के और 7 चौके जड़े।

गुजरात बनाम राजस्थान मैच के बाद IPL ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो शेयर किया, जिसमें वैभव सूर्यवंशी अपने और परिवार की संघर्ष के बारे में बातचीत कर रहे हैं। 14 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि मैं जो भी हूं, यहां अपने पैरेंट्स की वजह से हूं।

14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी बिहार के समस्तीपुर जिला से थोड़ी दूर ताजपुर के रहने वाले हैं। जब वो 8 साल के थे तब उनके पिता रोज सुबह 5 बजे उन्हें पटना प्रैक्टिस के लिए लेकर जाते थे। समस्तीपुर से पटना जाने में 3 घंटे का वक्त लगता है। वैभव और उनके पिता रोज बस से ये सफर तय करते थे और फिर शाम में घर आते थे।

वैभव सूर्यवंशी ने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहा, ”मैं जो भी यहां पर अभी, सिर्फ अपने पैरेंट्स की वजह से हूं। मेरी मम्मी रात में 2 बजे उठ जाती थी, क्योंकि सुबह 5 बजे मुझे प्रैक्टिस के लिए जाना होता था। वो 11 बजे सोती थीं, सिर्फ 3 घंटे की नींद पूरी होती थी और फिर मेरे लिए खाना बनाती थीं। पापा मुझे लेकर जाते थे, उन्होंने मेरे लिए नौकरी छोड़ दी। मेरा बड़ा भाई, पापा का काम संभालता था। बहुत मुश्किल से घर चल रहा था, लेकिन पापा लगे थे मेरे पीछे कि नहीं तुम करेगा।”

यूं ही नहीं रोए थे वैभव सूर्यवंशी

वैभव सूर्यवंशी ने आगे कहा कि भगवान सबकुछ देखते हैं। मेहनत करने वालों को कभी असफलता नहीं मिलती। तो आज जो भी रिजल्ट दिख रहा है, जो कुछ भी हूं, वो अपने माता-पिता की वजह से हूं।

वैभव सूर्यवंशी ने 14 साल की उम्र में आईपीएल डेब्यू किया। अपने पहले मैच में उन्होंने 20 गेंदों पर 34 रनों की आकर्षक पारी खेली थी। लेकिन आउट होकर जब वो ड्रेसिंग रूम की तरफ जा रहे थे तो वो अपनी भावनाओं को कंट्रोल नहीं कर सके। वो मैदान पर ही रोने लगे। आंखों से टपकते आंसू ये बता रही थी कि समस्तीपुर से आईपीएल तक का सफर आसान नहीं था। इस सफर में वैभव ने तो मेहनत की ही, लेकिन उनके माता-पिता का रोल भी अहम रहा। 

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