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विनोद खन्ना-फिरोज खान की दोस्ती-संयोग की कहानी, कभी की दयावान तो कभी कुर्बानी

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विनोद खन्ना और फिरोज खान की दोस्ती 1978 में फिल्म शंकर शंभु के सेट पर हुई थी. दोनों ने एक ही तारीख 27 अप्रैल को अंतिम सांस ली. दोनों की मौत का कारण कैंसर था.

हाइलाइट्स
  • विनोद खन्ना और फिरोज खान की दोस्ती 1978 में शुरू हुई थी.
  • दोनों ने 27 अप्रैल को अंतिम सांस ली, दोनों की मौत का कारण कैंसर था.
  • दोनों का तलाक भी 1985 में हुआ था.

फिल्मों में दो आपने दो यारों की कहानी खूब देखी होगी. लेकिन आज हम आपको मिलवाते हैं हिंदी सिनेमा के दो असली यारी की कहानी. जिन्होंने कई फिल्मों में काम किया तो एक ही तारीख को अंतिम सांस भी ली. आपको जानकर हैरानी होगी कि दोनों को एक ही बीमारी ने छीन लिया था. कहने को दोनों के धर्म, आस्था और विश्वास अलग अलग था लेकिन दोस्ती पर कभी आंच नहीं आई. तो चलिए इन दोनों सुपरस्टार की दोस्ती और उस इत्तेफाक के बारे में बताते हैं.

दरअसल हम बात कर रहे हैं कुर्बानी, दयावान और अमर अकबर एंथोनी जैसी फिल्में करने वाले विनोद खन्ना और अपराध व नागिन जैसी फिल्में करने वाले फिरोज खान की. दोनों की दोस्ती 1978 में फिल्म शंकर शंभु के सेट पर हुई थी. दोनों ने पहली बार साथ में काम किया था. जहां फिरोज शंकर बने थे तो विनोद शंभु. फिल्म के साथ साथ दोनों की दोस्ती हुई और आगे चलकर ये याराना और भी गहरा होता चला गया. एक वक्त तो ऐसा था जब दोनों की दोस्ती से हर कोई जलन खाता था. खैर ये दोस्ती कभी टूटी नहीं और हमेशा बरकरार रही.

फिरोज और विनोद खन्ना
फिरोज खान और विनोद खन्ना ने कुर्बानी और दयावान में भी साथ में काम किया था. दोनों की ये फिल्में काफी चर्चा में भी रही थीं. फिरोज खान तो इन दोनों फिल्मों के प्रोड्यूसर और डायरेक्टर भी थे. विनोद खन्ना फिल्मों से कुछ समय के लिए गायब हो गए थे. मगर दोस्त की मूवी दयावान से ही उन्होंने कमबैक किया था.

एक ही तारीख को उठा जनाजा


फिल्मों की बात हो या असल जिंदगी की, फिरोज और विनोद अच्छे दोस्त बन चुके थे. दोनों की किस्मत भी देखिए, दोनों ने एक ही तारीख को इस दुनिया से रुख्सत हुए. फिरोज खान की डेथ एनिवर्सरी 27 अप्रैल 2009 को होती है तो विनोद खन्ना ने भी 8 साल बाद ठीक इसी तारीख को 27 अप्रैल 2017 को आखिरी सांसें ली.

ऋषि कपूर तक बोले थे ये बात
विनोद खन्ना के निधन के बाद ऋषि कपूर ने तो हैरानी भरा पोस्ट भी किया था. उन्होंने लिखा था कि ये बहुत ही स्ट्रेंज है. दो अच्छे दोस्त विनोद खन्ना और फिरोज खान ने 27 अप्रैल को एक ही तारीख को इस दुनिया से अलविदा कहा. खान साब 27 अप्रैल 2009 को बैंगलुरू में गुजरे थे.

मौत की वजह से भी एक जैसी
दोनों यारों के बीच एक संयोग और था. दोनों की मौत की वजह भी एक ही बीमारी बनी. जहां फिरोज खान को लंग कैंसर था तो विनोध खन्ना की मौत का कारण कैंसर ही था. इसके अलावा, दोनों का तलाक भी एक ही साल में हुआ था. जहां गीतांजलि और विनोध खन्ना का तलाक 1985 में हुआ था तो फिरोज खान का सुंदरी से इसी साल तलाक हुआ था.

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