इस महिला ने 18 साल किया संघर्ष… फिर मिली सफलता, अब सालाना लाखों में है कमाई

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उन्होंने बताया कि यह सभी प्रकार के साबुन बनाने में करीब 20 मिनट का समय लग जाता है. साबुन बनाने के दौरान विभा बेस, कलर, सुगंधी, तील तेल, जाफर का इस्तेमाल करती हैं. सबसे पहले एक बड़े से पतीले में पानी भरा जाता है, फिर उसके अंदर एक छोटा पतीला रख दिया जाता है, उसके बाद छोटे वाले पतीले में सोप बेस का टुकड़ा काट कर डाल दिया जाता है. साबुन बनाने में उनके साथ गांव की लगभग 15 महिलाएं भी कार्य करती हैं. हर दिन 20 से 25 साबुन बनाती है जिसकी कीमत 25 रुपए और 50 रुपए है.

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